फ्रांस की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी रेनॉल्ट घरेलू बिक्री की मात्रा को दोगुना करने और अपने मध्यावधि लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ ही ऑटोमोबाइल उद्योग में चल रही मंदी के बीच अपनी बिक्री में सुधार करने के लिए ग्रामीण बाजारों को ध्यान में रखते हुए नए उत्पाद लाने की योजना बना रही है.
रेनॉल्ट इंडिया के ऑपरेशन मैनेजिंग डायरेक्टर व्यंकटराम मामील्लापल्ले ने बताया कि आने वाले सालों में ग्रामीण बाजारों के लिए बेहतरीन विपणन रणनीति बनाई जाएगी जिसमें कुल बिक्री मात्रा का 50% मिलने की उम्मीद है. मौजूदा वक्त में ग्रामीण बाजार, कंपनी की कुल बिक्री में केवल 10% का योगदान करते हैं. मामील्लापल्ले ने कहा, ‘अगले तीन वर्षों में घरेलू बाजार में बिक्री की मात्रा को दोगुना कर 200,000 कार सालाना करने का भरोसा है. उन्होंने कहा, "कुछ नए उत्पाद जो भविष्य में आने वाले हैं वे हमें वहाँ ले जाएंगे जहाँ हम मध्यावधि तक जाना चाहते हैं." मामील्लापल्ले ने कहा कि कंपनी 2019 के अंत तक कार्यबल में गिरावट और बिक्री में मंदी के बावजूद अपने नये ग्राहकों को 20,000 कारों तक की बिक्री का लक्ष्य बना रही है, जिसके अनुसार उसे प्रति माह लगभग 7,000 कारों की औसत बिक्री की उम्मीद है.
मामील्लापल्ले ने आगे कहा, ‘यूरोपीय कार निर्माता इसके बजाय कौशल कर्मचारियों के जरिये मंदी का लाभ उठाएंगे. उन्होंने कहा, यह उनकी साझेदार कंपनी ‘निसान’ के विपरीत है, जो वैश्विक लागत बचाने वाली कवायद पर है और भारत में 1,710 सहित दुनिया भर में 12,500 से अधिक कर्मचारियों को निकाल रही है. वित्त वर्ष -19 में, रेनॉल्ट इंडिया ने घरेलू बाजार में 80,000 कार से थोड़ा कम बिक्री की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 22% कम है. इसका बाजार हिस्सा 75 आधार अंकों के साथ 2.35% पर पहुंच गया है. कंपनी ने वित्त वर्ष -17 में 135,000 कारों की सर्वाधिक वार्षिक बिक्री हासिल की थी और तब से बिक्री घट रही है.