अगले 5 दिनों में देशभर में भारी वर्षा का अलर्ट, मौसम विभाग ने इन 7 राज्यों के लिए जारी की चेतावनी E-NAM और ई-पेमेंट से बिक्री पर किसानों को मिलेगा 'कृषक उपहार योजना' का विशेष लाभ, जानें कैसे Success Story: आधुनिक खेती से किसान बना लाखों का मालिक, सालाना कमा रहा है 30 लाख रुपये! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 15 November, 2022 10:45 AM IST
जनता के लिए राहत भरी खबर, खाद्य तेल की कीमतों में आई गिरावट

आम जनता के लिए राहत भरी खबर है, बता दें कि लड़खडाते हुए रुपए में थोड़ी मजबूती देखने को मिली है. जिसके चलते खाद्य तेलों का आयात भी सस्ता हुआ. इसका असर से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल की कीमत में कमी देखने को मिली है. जबकि दूसरी तरफ सोयाबीन डीगम तेल और डीओसी की निर्यात मांग में वृद्धि हुई है.

सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में आई गिरावट

बाजार के जानकारों का कहना है कि लंबे वक्त के बाद डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत हुआ है. जिससे पामोलीन तेल, सीपीओ आदि जैसे आयात होने वाले तेलों की कीमतों में पीछले सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताहांत कमी दर्ज की गई है. जबकि -आयल्ड केक (डीओसी) तथा तिलहनों के निर्यात की मांग तेज हुई है, जिससे लूज तथा सोयाबीन के भाव लाभ के साथ बंद हुए.

तेल तिलहन कीमतों में गिरावट

सूत्रों की मानें तो बीते साल अगस्त में सोयाबीन लगभग 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर के साथ बेचा जा रहा है, जो कि इस बार 5,500-5,600 रुपये प्रति क्विंटल पर ही बिक रहा है. देखा जाए तो यह एमएसपी (MSP) से अधिक कीमत है. बता दें कि इस बार किसानों द्वारा बीज भी महंगे खरीदे गए थे.

किसान हैं परेशान

जहां एक तरफ बाजार में तेल की कीमतों में परिवर्तन देखने को मिला है तो वहीं दूसरी तरफ किसानों को उनका सही मूल्य न मिलने से वह परेशान हैं. सरकार आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए कई अहम फैसले तो उठा रही है, मगर यहां पर आयातित तेलों की कीमत कम होने से मांग बढ़ रही है. जिससे भारत में उत्पादित तेल की मांग में कमी से कीमत में भी कमी आ रही है..

मूंगफली तेल-तिलहनों कीमतों में गिरावट

सरसों दादरी तेल पीछले सप्ताहांत के शुक्रवार को 50 रुपए की बढ़ोतरी के साथ 15,400 रुपये प्रति क्विंटल पर था. जबकि सरसों कच्ची घानी व पक्की घानी की कीमतों में 10-10 रुपए की बढ़ोतरी के साथ इनकी कीमतें क्रमश: 2,410-2,525 रुपये टिन और 2,340-2,470 रुपये हो गईं.

यह भी पढ़ें: GM Mustard Strife: पर्यावरण रिलीज के खिलाफ याचिका दायर करने से पहले ही छ: जगहों पर बोई गई जीएम सरसों

बाजार में नई फसल की आवक बढ़ने की वजह से समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहनों की कीमतों  में गिरावट देखने को मिली है. बता दें कि मूंगफली तिलहन की कीमत में 90 रुपए की कमी आई, जिससे अब नई कीमत 6,810-6,870 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है. मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड के भाव में 55 रुपए की कमी दर्ज की गई जिससे नई कीमत 2,520-2,780 रुपये प्रति टिन हो गई. तो वहीं मूंगफली तेल गुजरात में 380 रुपए कम होकर 15,620 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ.

English Summary: Relief news for the public, the fall in the prices of edible oil
Published on: 15 November 2022, 10:50 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now