किसानों की भलाई के लिए केंद्रीय सरकार हमेशा कुछ न कुछ करती रहती है. भारत सरकार ने देश के लगभग 40 करोड़ से अधिक किसानों को MSP पर खास तोहफा दिया है. दरअसल, केंद्र सरकार ने हाल ही में मिनिमम सपोर्ट प्राइस (Minimum Support Price) को किसानों की भलाई के लिए बढ़ा दिया है.
ताकि उन्हें सरलता से अधिक लाभ प्राप्त हो सके. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2023-24 सीजन के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को अपनी मंजूरी दे दी है. बता दें कि यह मंजूरी, कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर आधारित है.
लाभ के रूप में न्यूनतम 50% का आश्वासन (Minimum 50% assured as profit)
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, 2023-24 सीजन के लिए कच्चे जूट (टीडी-3, पहले के टीडी-5 ग्रेड के बराबर) का एमएसपी (MSP) 50-50 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. यह उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत पर 63.20 प्रतिशत की अतिरिक्त आय सुनिश्चित करेगा.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-24 सीज़न के लिए कच्चे जूट का घोषित एमएसपी, उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने के सिद्धांत के अनुरूप है, जिसे सरकार द्वारा 2018-19 के बजट में घोषित किया गया था. यह लाभ के रूप में न्यूनतम 50 प्रतिशत का आश्वासन देता है. यह जूट उत्पादकों को बेहतर पारिश्रमिक सुनिश्चित करने और गुणवत्ता वाले जूट फाइबर को प्रोत्साहित करने की दिशा में विभिन्न महत्वपूर्ण और प्रगतिशील कदमों में से एक है.
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जूट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (जेसीआई) मूल्य समर्थन संचालन करने के लिए केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में काम करना जारी रखेगा और इस तरह के संचालन में होने वाली हानि, यदि कोई हो, तो केंद्र सरकार द्वारा इसकी पूर्ण प्रतिपूर्ति की जाएगी.