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Updated on: 17 January, 2022 1:38 PM IST
सरकार के खिलाफ फिर बिगुल फूंकेंगे राकेश टिकैत!

केंद्र की मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लेकर किसान आंदोलन को तो समाप्त कर दिया है, लेकिन राकेश टिकैत की सक्रियता अभी भी कम नहीं हुई है.ऐसे में एक तरफ जहाँ पांच प्रदेशों में चुनाव का माहौल है, तो वहीँ वे लगातार केंद्र पर दवाब बना रहे हैं, MSP की मांग उठा रहे हैं.

इतना ही नहीं लखीमपुर मामले में अजय टेनी के इस्तीफे की बात कर रहे हैं. इसके चलते अब संयुक्त किसान मोर्चा 31 जनवरी को वादा खिलाफी दिवस मनाने जा रहा है.

क्या किसान फिर करेंगे प्रदर्शन !

किसानों का आरोप है कि केंद्र ने MSP पर कमेटी बनाने की बात कही थी, लेकिन अब तक उस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया. यहां तक कहा गया है कि किसानों के खिलाफ जो मामले वापस होने थे, उस प्रक्रिया में भी लगातार देरी की जा रही है. इस वजहों से अब फिर सरकार पर दवाब बनाने के लिए किसान सड़क पर उतरने जा रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार, हर राज्य जिले तहसील गांव में ट्रैक्टर रैली या धरना प्रदर्शन किया जाएगा.इसका मुख्य उद्देश्य सरकार तक अपनी मांगे पहुंचाने का प्रयास किसानो द्वारा किया जाएगा.

क्या है टिकैत की रणनीति!

वैसे किसानों ने यूपी सरकार पर भी निशाना साधा है. SKM के मुताबिक लखीमपुर हिंसा में किसान साथियों को मर्डर का मुलजिम बनाकर सरकार ने जेल में बंद कर दिया है. वहीं राज्य सरकार ने SIT रिपोर्ट आने के बाद भी टेनी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया. खबर है कि इस वजह से राकेश टिकैत खुद लखीमपुर जा सकते हैं.

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वे 21 जनवरी को तीन दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो सकते हैं. यहां तक कहा गया है कि अगर सरकार ने बात नहीं मानी, तो उस मोर्चे को और आगे के लिए बढ़ाया जा सकता है. ऐसे में चुनावी मौसम में योगी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी की जा रही है.

SKM ने उन लोगों पर भी निशाना साधा है, जिन्होंने किसान आंदोलन की आड़ में राजनीति में कदम रख दिया है. साफ शब्दों में कहा गया है कि जिसने भी किसानों का संगठन छोड़ा है और राजनीति करने का फैसला लिया है, उनका SKM से कोई लेना-देना नहीं है. 

English Summary: Rakesh Tikait can again blow the bugle against the government!
Published on: 17 January 2022, 01:43 PM IST

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