राजू श्रीवास्तव...एक ऐसा नाम है, जिसे सुनते ही हमारे चेहरे मुस्कान से खिल उठते हैं. दिमाग तरोताजा हो जाती है और लोग सभी दुख भूलाकर बस राजू श्रीवास्तव की बातों में डूब जाते हैं.
राजू श्रीवास्तव के नाम से दिमाग में गजोधर, संकठा, बैजनाथ सहित कई कॉमेडी नाम घूमने लग जाती हैं. ये नाम ना सिर्फ राजू ने अपने कॉमेडी में इस्तेमाल किया था बल्कि ये नाम इतने मशहूर हो गए कि ये अब देशव्यापी कॉमेडी नाम बन गए हैं. गजोधर तो इतना मशहुर हुआ की खुद राजू श्रीवास्तव को इस नाम से लोग जानने लगे.
मगर बेहद दुखद बात है कि अब कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्तव हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन इनकी यादें हमारे साथ सदैव रहेंगी. क्या आप ये जानते हैं कि कभी राजू श्रीवास्तव ऑटो भी चलाया करते थे? अगर नहीं...तो चलिए जानते हैं इनके प्रेरणादायक सफर और रोचक कहानी के बारे में....
जानें, राजू श्रीवास्तव की रोचक कहानी
राजू श्रीवास्तव का जन्म साल 1963 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था. साल 1988 में राजू श्रीवास्तव आंखों में बड़ी सफलता के सपने लेकर महानगरी मुंबई पहुंच गए, लेकिन मुंबई में रहकर गुजारा कर पाना उनके लिए आसान नहीं था. यहां आने के बाद वो गरीबी में रहने लगे, क्योंकि उनके पास पैसे नहीं थे.
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मुंबई रहने के दौरान उनकी स्थिति इतनी खराब हो गई कि एक वक्त आ गया जब उन्हें अपने पेट को पालने के लिए ऑटो का सहारा लेना पड़ा. वो अपनी भूख को मिटाने के लिए ऑटो चलाने लगे, राजू इस दौरान अपने बाक़ी ऑटो चालक साथियों को अपनी बातों से खूब हंसाते थे.
धीरे-धीरे ऑर्केस्ट्रा पार्टियों के साथ राजू श्रीवास्तव ने स्टैंड-अप कॉमेडी करना शुरू कर दिया. इस दौरान लोग उनके कॉमेडी के दिवाने हो गए और उन्हें बेहद पसंद करने लगे. इस दौरान उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी. फिर उनकी संघर्ष और मेहनत इतनी थी कि वो धीरे-धीरे खुद को मुंबई की रफ्तार के साथ जोड़ते चले गए. आलम ये रहा कि उनका सपना अब साकार होने लगा और उन्हें फिल्मों में काम करने का मौका मिला.
साल 1988 में बॉलीवुड सुपरस्टार अनिल कपूर की ‘तेजाब’ फिल्म से राजू श्रीवास्तव ने हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया. इस फिल्म के बाद राजू श्रीवास्तव अपने बेहतरीन एक्टिंग की वजह से सबके दिलों में राज करने लगे. तब से लेकर आज तक लोग उनके कॉमेडी के दिवाने बने हुए हैं.