किसानों को सही जानकारी और सलाह देने के लिए कृषि जागरण अक्सर राज्यों के मुताबिक एग्रोमेट एडवाइजरी लेकर आता रहता है. ऐसे में आज हम राजस्थान राज्य के किसानों के लिए अगस्त के अंत तक के लिए एडवाइजरी लेकर हाज़िर है जिसमें बचे एक हफ्ते में आपको नीचे दिए गए कामों को निपटना बेहद आवश्यक है.
देसी कपास (Desi Cotton)
किसानों को सलाह दी जाती है कि कपास के खेत को खरपतवारों से मुक्त रखें. पहली सिंचाई के बाद निराई-गुड़ाई करें और पौधों की मजबूती को बनाए रखें. इसके लिए ऐसमोन या प्लानोफिक्स 2.5 मिली प्रति 100 लीटर पानी में नई शाखाओं पर छिड़काव करें जिससे फूल और फल गिरने की समस्या से बचाव हो सकेगा.
अमेरिकन कॉटन (American Cotton)
यदि सफेद मक्खी की कपास के खेतों में अपनी आबादी बढ़ा रही है, तो इसकी उपस्थिति की जांच के लिए किसानों को नियमित रूप से कपास के खेतों का दौरा करने की सलाह दी जाती है. कीटनाशक यदि फसलों पर थ्रिप्स हों, तो इमिडाक्लोप्रिड (200% SL) 0.3 मिली या थायोमिथोक्सम (25 WG) 0.5 मिली / लीटर पानी का छिड़काव करें साथ ही नीम आधारित स्प्रे (निंबोसिडिन 5 मिली + तरल साबुन 1 मिली प्रति लीटर पानी) का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. यदि कपास की बुवाई के दौरान जिंक सल्फेट नहीं लगाया गया हो तो 1.5 किग्रा जिंक सल्फेट और 750 बुझे हुए चूने को अलग-अलग पात्रों में घोलकर 100 से 125 लीटर पानी प्रति बीघा की दर से मिलाकर छिड़काव करें.
मूंग (Moong)
मूंग की फसल में जसीद और थ्रिप्स को नियंत्रित करने के लिए डाइमेथोएट 2.5 मिली प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें. ग्वार के खेतों में वार्षिक, बारहमासी घास और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए इमेजैथिपेरे 10 ग्राम का प्रति बीघा बुवाई के 30-35 दिनों के बाद 100 से 125 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें.
ग्वार (Gwar)
जल्दी बोई गई ग्वार की फसल में रस चूसने वाले कीटों को नियंत्रित करने के लिए डाइमेथोएट 250 मिली या थियोमीथॉक्सम 0.5 मिली प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें. ग्वार के खेतों में वार्षिक, बारहमासी घास और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए इमेजैथिपेरे 10 ग्राम का प्रति बीघा बुवाई के 30-35 दिनों के बाद 100 से 125 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें.
गन्ना (Sugarcane)
गन्ने की फसल में वर्षा के दबाव में 10-15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें. गन्ने की फसल में अगेती तना और जड़ बेधक होने पर गन्ने की फसल में फुरोडोन डस्ट 3% को 6 किग्रा प्रति बीघा या फोरेट 10% को 4 किग्रा प्रति बीघा पर प्रयोग करें.
किन्नू (Kinno)
बागों के तैयार गड्ढों में किन्नू के नए पौधे रोपना शुरू करें. प्रमाणित नर्सरी से किन्नू के पौधे खरीदें और समय-समय पर निराई करके किन्नू के बागों को खरपतवार मुक्त रखें. किन्नों के बागों में पत्ती के छोटे कीड़ों को नियंत्रित करने के लिए एसिटामिप्रिड 0.4 मिली / लीटर पानी का छिड़काव करें.
बीटी कपास (BT Cotton)
वर्तमान मौसम की स्थिति व्हाइटफ्लाई और जसिड के लिए आकर्षण का केंद्र है. किसान सुबह खेत का निरीक्षण करें और पौधे की निचली सतह पर सफेद अंडाकार या सफेद मोमी फूलों से ढके पीले कीड़ें की जांच करें. यदि कीड़ों को ऊपरी पत्ती की सतह पर क्षति पहुंची हो तो नियंत्रण के लिए, एफिडोपाइरोपेन 50 ग्राम/एल डीसी 2 मिली या बुप्रोफेज़िन 25 एससी 2 मिली या फ्लोनिकेमिड 50 डब्ल्यूजी 0.3 ग्राम या डिनोटफ्यूरान 20 एसजी 0.40 ग्राम या थियाक्लोप्रिड 21.70 ईसी 1.5 मिली या टॉल्फेनपाइराड 15 ईसी 2 मिली प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें.
लीफ कर्ल रोग के लक्षण सबसे पहले ऊपरी पत्तियों पर दिखाई देते हैं. पत्ते धीरे-धीरे कप के समान हो जाते हैं. रोकथाम के लिए स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 5-10 ग्राम या प्लेटोमाइसिन या पॉसामाइसिन 50-100 ग्राम + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (0.3%) घोल को 300 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें.
धान की फसल इस समय फूल और वानस्पतिक वृद्धि के चरण में है. इसलिए फसल में कीटों की निगरानी करें. तना बेधक के नियंत्रण के लिए फेरोमोन ट्रैप 3-4 प्रति एकड़ लगाएं. इस समय ब्राउन प्लांट हॉपर भी धान की फसल पर हमला कर सकता है. धान की फसल में ब्राउन प्लांट हॉपर बीपीएच के नियंत्रण के लिए बुप्रोफेज़िन 25 एससी 1.5 मिली या फ्लोनिकैमिड 50 डब्ल्यूजी 0.3 ग्राम या पाइमेट्रोज़िन 50 डब्ल्यूजी 0.6 या थियामेथोक्सम 25 डब्ल्यूजी 0.2 ग्राम प्रति लीटर पानी में स्प्रे करें.
धान (Paddy)
धान की फसल में यदि पौधे पीले हो रहे हैं और पौधों की ऊपरी पत्तियां पीली हैं और निचली पत्तियां हरी हैं, तो इसके लिए जिंक सल्फेट (21%) 6.0 किग्रा / हेक्टेयर 300 लीटर पानी के साथ स्प्रे करें. टिक्का रोग में पत्तियों पर भूरे-काले धब्बे दिखाई देते हैं और इसके नियंत्रण के लिए कार्बेन्डाजिम 50 डब्ल्यूपी 1 ग्राम या मैनकोजेब 2 ग्राम प्रति लीटर पानी या हेक्साकोनाजोल 5 ईसी 1 मिली प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें.
सब्जियां (Vegetables)
किसानों को आखिरी अगस्त में अगेती फूलगोभी और ब्रोकली की बुवाई पूरी करने की सलाह दी जाती है. नर्सरी बेड को पारदर्शी पॉलीथिन से छायांकित करें. पॉलिथीन की ऊंचाई बीच में 75 सेमी और दोनों तरफ 60 सेमी होनी चाहिए. यह अभ्यास बेहतर अंकुरण के लिए फायदेमंद होगा और बुवाई के 20-25 दिनों के बाद ही स्वस्थ पौध प्राप्त करें.
अगेती फूलगोभी के लिए अनुशंसित किस्मों में अर्ली वर्जिन, पूसा केतकी व पूसा दीपाली शामिल हैं. ब्रोकली के लिए अनुशंसित किस्मों में ग्रीन बड व अर्ली डैनिश की बुवाई कर सकते हैं. वहीं किसान बारिश के मौसम में प्याज की रोपाई कर सकते हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि किसान कीटनाशक, कवकनाशी आदि का छिड़काव करते समय आवश्यक एहतियाती उपाय करें.
किसानों के लिए सलाह (Advice for Farmers)
बीकानेर में उच्च सापेक्ष आर्द्रता, मध्यम हवा की गति, बादल छाए रहने और आने वाले दिनों में बारिश के साथ दिन-रात के तापमान में वृद्धि की संभावना है. भविष्य में उपयोग के लिए जीवन रक्षक सिंचाई के रूप में बारिश की एक-एक बूंद को संरक्षित करने का प्रयास करें. चूंकि एलएसडी (गांठदार त्वचा रोग) की संभावना बढ़ रही है, इसलिए संक्रमण का जल्द पता लगाने के लिए रोजाना पशुशाला का दौरा करें और प्रभावी नियंत्रण के लिए पंजीकृत पशु चिकित्सक से संपर्क करें.
एलएसडी के प्रसार को रोकने के लिए संक्रमित मवेशियों को अलग-थलग रखने की कोशिश करें. उच्च आर्द्रता और मध्यम तापमान फसलों में रोग और कीट के संक्रमण की संभावना को बढ़ा सकते हैं. इसलिए, संक्रमण का शीघ्र पता लगाने और नियंत्रण के लिए नियमित रूप से खेतों का दौरा करें.
अगेती बुवाई वाले गुच्छों के खेतों में प्रचलित और पूर्वानुमानित मौसम की स्थिति में जसिड्स और थ्रिप्स के रूप में चूसने वाले कीटों के हमले की संभावना बढ़ सकती है. इसलिए, इन चूसने वाले कीटों के हमले के मामले में, किसानों को सलाह दी जाती है कि जब आकाश साफ रहता है तो इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल 300 मिली प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें.
अच्छी बारिश होने पर सिंचित बाजरे और चारा फसलों में यूरिया की टॉप ड्रेसिंग की जा सकती है.
मूंगफली (Groundnut)
यदि मूंगफली की खड़ी फसल में दीमक का प्रकोप हो तो वर्षा के समय या सिंचाई के पानी के साथ मिट्टी में 2.51 प्रति हेक्टेयर की दर से क्लोरोपाइरीफॉस डालें. खड़ी मूंगफली की फसल में जड़/कॉलर सड़ने की स्थिति में कार्बेन्डिज़म को ड्रेंचिंग के रूप में 2.0 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से वर्षा के समय मिट्टी में मिलाकर या सिंचाई के पानी के साथ डालें.
आने वाले दिनों में बारिश की संभावना को देखते हुए मूंगफली में सिंचाई को कुछ समय के लिए स्थगित कर दें और मूंगफली और अन्य फसलों की खड़ी फसलों में किसी भी प्रकार का छिड़काव स्थगित कर दें. भारी वर्षा की स्थिति में मूंगफली और बाजरा के बोए गए खेतों से अतिरिक्त वर्षा जल की निकासी की व्यवस्था करें.
संतुलित हरा चारा उत्पादन प्राप्त करने के लिए बुवाई के समय लोबिया के बीज और ग्वार की फलियों के साथ बाजरा और ज्वारी का मिश्रण मिला लें. मवेशियों के शेड को सूखा रखें और मक्खियों को शेड से दूर रखने के लिए फिनाइल का छिड़काव करें.
मौसम (Weather Advisory)
पूर्वानुमान के अनुसार जिले में मौसम शुष्क रहने की संभावना है. अगले तीन दिनों के लिए हनुमानगढ़. 21 और 22 अगस्त को मौसम में बदलाव के साथ कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.
सामान्य सलाह (General Advice)
अगस्त या मानसून के दौरान अनाज के भंडारण की जाँच करें, इस मौसम में गेहूं में एली, सुरसुरी, राइस गन का प्रकोप हो सकता है. कीट देखते ही किसान भाई अनाज को हवा में फूंक कर साफ कर धूप में अच्छी तरह सुखा लें. यदि दाना अधिक मात्रा में है और फूंकना और सुखाना संभव नहीं है, तो एक टन अनाज के लिए एक गोली (3 ग्राम) एल्युमिनियम फास्फाइड/सेल्फोस का प्रयोग करें और फिर इसे ठीक से स्टोर करें और इसे इस तरह से बंद कर दें कि हवा न जा सके. अंदर से अंदर जाना और बाहर से बाहर जाना. एक हफ्ते के लिए स्टोरेज को ऐसे ही बंद कर दें.
नोट: किसानों को सलाह दी जाती है कि आगामी मौसम की स्थिति को देखते हुए किसी भी फसल के साथ-साथ सिंचाई के लिए छिड़काव न करें.