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Updated on: 15 September, 2022 8:02 PM IST
Himachal Pradesh agromet advisory

हिमाचल प्रदेश में इन दिनों भी बारिश का सिलसिला जारी है. मौसम विभाग ने छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश, गरज और बिजली गिरने की संभावना जताते हुए चेतावनी जारी की है. इस बारिश से जहां आम आदमी को दिक्कत हो रही है, वहीं फसलों को भी नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में राज्य मौसम विभाग ने किसानों की फसलों को लेकर कुछ जानकारी दी हैं, जिसे अपनाकर किसान बड़े नुकसान से बच सकते हैं.

कृषि और बागवानी संबंधी सलाह

सेब

किसानों को सलाह दी जाती है कि वे राज्य के मध्य और उच्च पहाड़ियों में उगने वाले पके सेबों को काटकर बाजार में भेजें.

पालक

किसानों को फसल की बुवाई की जाने की सलाह दी जाती है. इसके लिए बीज दर कुछ इस प्रकार है:

25-30 किग्रा / हेक्टेयर,

2-2.5 किग्रा / बीघा, दूरी: 30x10 सेमी.

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मक्का

बारिश के पानी को फसल में खड़ा न होने दें, क्योंकि यह फसल खड़े पानी के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होती है और बैक्टीरिया के डंठल को सड़ने को बढ़ावा देती है.

फॉल आर्मी वर्म आजकल मक्का का एक गंभीर कीट है. इस कीट की निगरानी के लिए 4 ट्रैप प्रति एकड़ की दर से फेरोमोन ट्रैप लगाएं. अंडे और लार्वा को कुचलकर नष्ट कर दें. यदि संक्रमण 10 प्रतिशत से अधिक है, तो नीम के बीज की गिरी का अर्क 5 मिली/लीटर या क्लोराट्रिनिलिप्रोल 18.5 एससी @ 0.4 मिली/लीटर (मौसम साफ होने पर) का छिड़काव करें.

बागवानी

अखरोट(pecan nut), अमरूद, आम, लीची, खूबानी, आंवला, लोकेट, पपीता, कागजी चूना और जामुन जैसे फलों के पेड़ लगाने के लिए समय उपयुक्त है. साथ ही इस मौसम में शहतूत, रीठा, तूनी, कचनार और सिल्वरोक जैसे वन वृक्षों का रोपण किया जा सकता है.

फूलों की खेती

गुलदाउदी (Chrysanthemum), गेंदा की रोपाई और ग्लेडियोलस की बुवाई उठे हुए बिस्तर पर करनी चाहिए.

बेलसम, ज़ेनिया, क्लियोम और गुलाब में ब्लू बीटल अटैक देखा जाता है, इसके नियंत्रण के लिए साइपरमेथ्रिन 20 मिली को 10 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें.

English Summary: Rain Alert: Heavy rains can damage the crops of Himachal Pradesh farmers, this is how to protect them
Published on: 15 September 2022, 06:07 PM IST

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