Papaya Farming: पपीते की खेती से होगी प्रति एकड़ 12 लाख रुपये तक कमाई! जानिए पूरी विधि सोलर पंप संयंत्र पर राज्य सरकार दे रही 60% अनुदान, जानिए योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया केवल 80 से 85 दिनों में तैयार होने वाला Yodha Plus बाजरा हाइब्रिड: किसानों के लिए अधिक उत्पादन का भरोसेमंद विकल्प किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 26 March, 2019 12:26 PM IST

सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर सबसे बड़े चुनावी वादे का धमाकेदार ऐलान कर लोकसभा चुनाव की जंग को दिलचस्प मोड़ देने का दांव चल दिया है या यह भी कह सकते है की जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अब तक का सबसे बड़ा मास्टरस्ट्रोक चल दिया है. दरअसल राहुल गांधी ने सोमवार को यह वादा किया है कि 'अगर कांग्रेस सत्ता में आयी तो देश के 5 करोड़ गरीब परिवारों को सरकार सालाना 72000 रुपए नगद देगी.

बता दे कि इस बड़े ऐलान के साथ कांग्रेस पार्टी ने 'न्यूनतम आमदनी गारंटी योजना' की रुपरेखा से पर्दा उठा दिया है. 12000 रुपए महीने से कम आमदनी वाले सभी जाति-धर्म के करीब 25 करोड लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा . स्कीम का नाम 'न्यूनतम आय योजना' (न्याय) रखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे गरीबी के खिलाफ अंतिम प्रहार का ऐतिहासिक कदम करार दिया है. हालांकि नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी  की योजना अर्थव्यवस्था को ले डूबेगी. दरअसल राजीव कुमार ने ट्वीट किया कि ' कांग्रेस अध्यक्ष की योजना वित्तीय अनुशासन के खिलाफ जाएगी. यह लोगों के को काम नहीं करने के लिए प्रेरित करेगी. इस योजना को लागू नहीं किया जा सकता.

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी  ने सोमवार को जिस न्यूनतम आय योजना को न्याय का ऐलान किया है. उसे 3 साल पहले मोदी सरकार ने ही पहली बार प्रस्तावित किया था. 2016 - 2017 के आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार की ओर से पहली बार 'यूनिवर्सल बेसिक इनकम' (यूबीआइ ) नाम से इस तरह की स्कीम की परिकल्पना की गई थी. मगर, इसके दूसरे पहलुओं पर विचार करने के बाद इसे लागू  नहीं कर पाई.

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि दुनिया के कई देशों में इस तरह की स्कीमों को लागू किया जा रहा है, वहां भी इसकी सफलता को लेकर अभी भी बहुतेरे सवाल उठ रहे है. जर्मनी जैसे विकसित देश में जहां लम्बे विचार के इसे ख़ारिज कर दिया गया. वही, फिनलैंड इसे लागू करने के बाद वापस ले चुका  है. हालांकि कई विकसित, विकासशील व गरीब देशों में इसे लागू किया जा रहा है.

राहुल गांधी के ‘न्याय योजना’ का लाभ कैसे मिलेगा, किन लोगों को मिलेगा?  प्वाइंट्स में समझें-


देश के गरीबों को हर साल मिलेंगे 72 हजार रुपये

देश के 20 फीसदी लोगों को मिलेगा सीधा लाभ

इस योजना के तहत देश के 5 करोड़ परिवार यानी करीब 25 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचेगा.

स्कीम का नाम ‘न्याय योजना’ दिया गया है.

इस स्कीम का लक्ष्य हर व्यक्ति की आय 12,000 रुपये प्रति तक करना है.

इसका मतलब अगर किसी व्यक्ति की आय 8000 रुपये महीना है, तो उसे सरकार की ओर से 4000 रुपये प्रति महीना दिया है.

वहीं, अगर कोई व्यक्ति 2000 रुपए कमाता है तो उसे सरकार की ओर से 10000 रुपये प्रति महीना दिया जाएगा.

राहुल गांधी की इस स्कीम के अनुसार एक व्यक्ति के लिए 72,000 रुपये रिजर्व किए गए हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष का दावा है कि जिस तरह उन्होंने मनरेगा के जरिए गरीबों को काम दिया, उसी तरह ये मनरेगा का अगला स्टेप है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 21वीं सदी में देश में गरीबी नहीं रह सकती है, हमारी तरफ से ये गरीबी पर आखिरी वार है.

English Summary: Rahul Gandhi's 'nyay yojna', how many people will get benefit it !
Published on: 26 March 2019, 12:32 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now