AIF Scheme: किसानों के लिए वरदान है एग्री इंफ्रा फंड स्कीम, सालाना कर सकते हैं 6 लाख रुपये तक की बचत, जानें कैसे करें आवेदन स्टार 33 मक्का: कम निवेश में बंपर उत्पादन की गारंटी इस किस्म के दो किलो आम से ट्रैक्टर खरीद सकते हैं किसान, जानें नाम और विशेषताएं भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 14 December, 2023 12:29 PM IST
गेहूं की खेती करने वाले किसानों के लिए PUSA ने जारी की एडवाइजरी.

पूसा के कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की खेती करने वाले किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में कहा गया है कि जिन किसानों की फसल 21 से 25 दिन की हो चुकी है, तो वे अगले पांच दिनों में मौसम की संभावना को ध्यान में रखते हुए सिंचाई कर दें. याद रहे की सिंचाई करने के तीन-चार दिनों बाद ही उर्वरक की दूसरी मात्रा डालें. एडवाइजरी में किसानों को तापमान का ख्याल रखते हुए पछेती गेहूं की बुवाई अतिशीघ्र करने की भी सलाह दी गई है.

एडवाइजरी के मुताबिक, किसान बीज दर 125 किलो प्रति हेक्टेयर रखें. बुवाई से पूर्व बीजों को बाविस्टिन @ 1.0 ग्राम या थायरम @ 2.0 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें. इसके अलावा कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को एचडी 3059, एचडी 3237, एचडी 3271, एचडी 3369, एचडी 3117, डब्ल्यूआर 544 और पीबीडब्ल्यू 373 जैसी उन्नत किस्मों की बुआई करने की भी सलाह दी है.

खेतों में दीमक से ऐसे निपटें 

कृषि वैज्ञानिकों ने बताया है कि जिन खेतों में दीमक का प्रकोप हो, किसान उनमें क्लोरपाईरिफास (20 ईसी) @ 5.0 लीटर प्रति हैक्टेयर की दर से पलेवा के साथ या सूखे खेत में छिड़क दें. नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटाश उर्वरकों की मात्रा 80, 40 व 40 किलो प्रति हेक्टेयर होनी चाहिए. देर से बोई गई सरसों की फसल में विरलीकरण तथा खरपतवार नियंत्रण का कार्य करें. औसत तापमान में कमी को मद्देनजर रखते हुए सरसों की फसल में सफेद रतुआ रोग की नियमित रूप से निगरानी करें.

खरपतवार के लिए करें ये काम

बता दें कि गेंहूं की फसल में रबी के सभी खरपतवार जैसे बथुआ, प्याजी, खरतुआ, हिरनखुरी, चटरी, मटरी, सैंजी, अंकरा, कृष्णनील, गेहुंसा, तथा जंगली जई आदि खरपतवार लगते हैं.इनकी रोकथाम निराई गुड़ाई करके की जा सकती है. हालांकि, आप रसायनों का इस्तेमाल करके भी इन्हें खत्म कर सकते हैं. इसके लिए 3.3 लीटर पेंडामेथेलिन 30 ई सी को 800-1000 लीटर पानी में मिलकर फ़्लैटफैन नोजिल से प्रति हैक्टर की दर से छिड़काव करें. ऐसा बुवाई के एक-दो दिन बाद करें, जिससे खेते में खरपतवार पैदा नहीं होंगी. 

English Summary: PUSA issued advisory for farmers cultivating wheat advised to irrigate their crop soon
Published on: 14 December 2023, 12:51 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now