भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय छात्रावास “मधुमास” का शुभारंभ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया. इस मौके पर तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र की चुनौतियों पर विजय प्राप्त करने व इनके समाधान के साथ देश-दुनिया की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में किसानों के साथ ही हमारे कृषि वैज्ञानिकों की भूमिका महत्वपूर्ण है.
शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री तोमर ने गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) की बधाई देते हुए कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान में गुरु-शिष्य परंपरा रहे, उसकी मर्यादा रहे, उसमें आस्था रहे तो वह संस्थान, पूसा संस्थान जैसी तरक्की कर सकता है. तोमर ने 504 बिस्तरों वाले छात्रावास के शुभारंभ पर संस्थान परिवार को बधाई देते हुए प्रसन्नता जताई कि शीघ्र ही यहां और भी सुविधाएं मिलने वाली हैं.
आपको बता दें मधुमास का निर्माण कार्य 2020 में शुरू हुआ था जिसको पूरा करने की अवधि लगभग 2 वर्ष तक की थी इस मधुमास हॉस्टल का प्रोजेक्ट 72.11 करोड़ रुपए का रहा. हॉस्टल में रहने के लिए छात्रों को सिंगल रूम विद कॉमन टॉयलेट के साथ उपलब्ध कराया गया है इसके अलावा सिंगल रूम विद किचन और अटैच टॉयलेट भी इसमें उपलब्ध है इसके अलावा डबल रूम, किचन और टॉयलेट के साथ भी उपलब्ध है.
तोमर ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश में शिक्षा के बहुत-सारे आयामों के बीच कृषि शिक्षा को चुनना एवं पूसा संस्थान में प्रवेश लेना यहां के विद्यार्थियों के जीवन की दिशा को सुखद बना देगा. उन्होंने कहा कि आज देश के करोड़ों किसानों की जुबां पर भी पूसा संस्थान का नाम है और इसकी अपनी ख्याति है. हम सबका प्रयास है कि देश की आजादी के अमृत काल में यह संस्थान, अंतरराष्ट्रीय संस्थान के रूप में स्थापित हो, जिसकी शुरुआत इस आधुनिक छात्रावास के शुभारंभ के साथ हो गई है.
तोमर ने कहा कि कृषि का क्षेत्र हम सब के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. कृषि क्षेत्र में आज हम जिस सौपान पर खड़े हुए है, वहां तक पहुंचने में किसानों के साथ ही वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, लेकिन बदलते परिवेश और जलवायु परिवर्तन के दौर में और आने वाले कल में बढ़ने वाली मांग के दृष्टिगत तथा दुनिया की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए निश्चित रूप से हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है.
उन्होंने कहा कि एक समय था जब हम दुनिया से सीखना चाहते थे, लेकिन आज बड़ी संख्या में अन्य देश कृषि के मामले में भारत से सीखना चाहते हैं, भारत के रास्ते पर चलना चाहते हैं, तो ऐसी स्थिति में हम सब लोगों की जिम्मेदारियां और भी बढ़ जाती हैं. तोमर ने कहा कि दूसरे देशों को जब भी जरूरत होगी तो भारत उनकी सहायता के लिए खड़ा होगा.
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश में आई, जिसका समावेश कृषि शिक्षा में हो, इसके लिए काफी काम किया गया है, जो विद्यार्थियों के भविष्य को निखारने में बहुत मददगार सिद्ध होगा. उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती के लिए अलग से सिलेबस तैयार कर कृषि शिक्षा में जोड़ा जा रहा है, जो निश्चित रूप से वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप होगा. तोमर ने केमिकल फर्टिलाइजर से बचते हुए, वैकल्पिक रूप से प्राकृतिक खेती व जैविक खेती को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि इससे किसानों के साथ ही देश को भी हर तरह से फायदा ही होगा.
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक व डेयरी के सचिव डॉ. हिमांशु पाठक तथा आईएआरआई के निदेशक डॉ. अशोक कुमार सिंह ने भी विचार रखे. कार्यक्रम में अन्य अधिकारी-कर्मचारी व कृषि के विद्यार्थी भी मौजूद थे. मंत्री तोमर व चौधरी ने छात्रावास प्रांगण में पौधारोपण किया एवं फूड कोर्ट का शुभारंभ भी किया. इस छात्रावास में एकल शैया वाले 400 कमरे, स्नानागार- रसोई सहित एकल शैया वाले 56 कमरे व 48 फैमिली अपार्टमेंट हैं, जिनमें 504 छात्रों के रहने की व्यवस्था है.
छात्रावास परिसर में व्यायामशाला, रेस्टोरेंट, सौर ऊर्जा प्रणाली, वर्षा जल संचयन प्रणाली, जनरेटर आधारित पावर बैकअप, आर.ओ. प्रणाली आधारित पेयजल, अग्निशामक व्यवस्था, पार्किंग क्षेत्र, लिफ्ट प्रणाली जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं हैं.