पंजाब में सरकार बनने से पहले आम आदमी पार्टी ने लोगों से स्वच्छ जल और मुफ्त बिजली का वादा किया था. लोगों ने इस वादे पर विश्वास किया और आप को सरकार बनाने का मौका भी दिया. पंजाब में आप की सरकार बनी और पूर्व घोषणा के मुताबिक ही भगवंत मान सीएम बनें.
स्वच्छ जल का वादा है अधूरा
सरकार बनने के बाद मुफ्त बिजली का वादा तो पूरा किया गया, लेकिन यदि साफ पानी की बात की जाए, तो यह अभी दूर की कौड़ी दिखाई दे रही है, क्योंकि हाल ही में पेट में असहनीय दर्द के चलते मुख्यमंत्री भगवंत मान को मंगलवार रात को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
ऐसा कहा जा रहा है कि रविवार को उन्होंने जलाशय का दूषित पानी पिया था. उसके बाद ही उनके पेट में तेज दर्द उठा और उन्हें अस्पताल ले जाने की नौबत आ गई. हालांकि प्रशासन से जुड़े लोग मुख्यमंत्री को स्वस्थ बता रहे हैं .
मुख्यमंत्री ने कहाँ पीया दूषित पानी
प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और राज्यसभा सांसद बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल ने मुख्यमंत्री को काली बें की सफाई की 22 वी जयंती में होने के लिए आमंत्रित किया था और उन्हें पंजाब के सुलतानपुर लोधी में पवित्र माने जाने वाले जलाशय के पानी का गिलास भी भेंट किया था. मुख्यमंत्री ने वह पानी पी लिया था, मानो यह दर्शा रहे हों कि प्रदूषित पानी की कोई समस्या ही नहीं है.
क्यों है वहां का पानी प्रदूषित
ऐसा कहा जा रहा है कि उस जलाशय में आसपास के कस्बों और गांवों के सीवेज का कचरा है. इस घटना के कुछ ही समय बाद मुख्यमंत्री के पेट में तेज दर्द उठा और उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया.
क्या मुख्यमंत्री हो गए हैं दूषित पानी का शिकार
इस घटना के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या पानी की सफाई सरकार के लिए सेकेंडरी मुद्दा है? खुद मुख्यमंत्री दूषित पानी का शिकार हो गए हैं? इसलिए बहुत जरूरी है की जनता को साफ और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं.
त्वरित प्रयासों की है आवश्यकता
दूषित पानी के कारण देश में हर वर्ष लाखों लोग बीमारियों के शिकार होते हैं. दूषित पानी के शुद्धीकरण का कार्य उतनी तेजी से नहीं किया जा रहा जितनी तेजी से यह होना चाहिए. लोगों में जागरूकता का भी अभाव है, इसलिए दूषित पानी से बीमार होने वाले लोगों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है. यदि इस संबंध में कुछ कठोर कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है इसीलिए इस दिशा में सार्थक कदम उठाए जाने की जरूरत है.