Papaya Farming: पपीते की खेती से होगी प्रति एकड़ 12 लाख रुपये तक कमाई! जानिए पूरी विधि सोलर पंप संयंत्र पर राज्य सरकार दे रही 60% अनुदान, जानिए योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया केवल 80 से 85 दिनों में तैयार होने वाला Yodha Plus बाजरा हाइब्रिड: किसानों के लिए अधिक उत्पादन का भरोसेमंद विकल्प किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 15 January, 2023 10:37 AM IST
तुअर/अरहर की दाल नहीं होगी महंगी

भारत सरकार देश में बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए कई तरह के अहम कदम उठाती रहती है. ताकि महंगाई की मार से आम जनता को किसी भी तरह की तकलीफ का सामना नहीं करना पड़े. इसी कड़ी में केंद्र सरकार बाजार में बड़ी दालों की कीमत पर नियंत्रण पाने के लिए इनका बड़ी मात्रा में आयात करेगी. ऐसा करने से घरेलू बाजार में दालों की बढ़ी कीमतों से निजात मिलेगी.

10 लाख टन तुअर दाल का होगा आयात

देश में दालों की कीमत पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने लगभग 10 लाख टन तुअर दाल को एक्सपोर्ट करने की अच्छी योजना तैयार की है. इस स्कीम की चर्चा हाल ही में कैबिनेट सचिव के स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक के दौरान की गई थी.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिसंबर 2022 में करीब 2 लाख टन अरहर दाल ठीक इसी तरह से योजना बनाकर आयात की गई थी. इसी क्रम में अब सरकार घरेलू उपलब्धता सुनिच्श्रित करने के लिए 10 लाख टन तक अरहर दाल का भी आयात करने जा रही है.

अरहर/ तुअर दाल का उत्पादन

दालों के आयात करने का परिणाम

दालों के आयात करने से देश में दाल आपूर्ति का किसी भी तरह के संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस संदर्भ में भारत सरकार ने अग्रिम योजना भी तैयार की है. बता दें कि हमारे देश में सबसे अधिक अरहर दाल पूर्वी अफ्रीकी देश और कुछ दाल म्यांमार से भी आती है. इसी सिलसिले के आधार पर अरहर दाल का आयात पहले ही 31 मार्च 2024 तक का सामान्य लाइसेंस के माध्यम से आ चुका है.

घटेगा अरहरतुअर का उत्पादन

सरकार के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में अरहर दाल का उत्पादन 38.9 लाख टन तक रह सकता है, जोकि पिछले साल 43.4 लाख टन तक रहा था. इसका मुख्य कारण गुलबर्ग इलाकों में मौसम की मार बताई जा रही है.

ये भी पढ़ें: मंडियों में किसानों को मुफ्त में मिलेगा खाना, शुरू हुई कैंटीन सुविधा

फसल पर सूखे की बीमारी व अन्य कई तरह के रोग की चपेट में फसल आने से नष्ट हो गई है, जिसके चलते तुअर दाल के उत्पादन में इस बार कमी देखने को मिल सकती है. 

English Summary: Pulses Price Common man will get relief, the price of pulses will not increase
Published on: 15 January 2023, 10:40 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now