भारत सरकार देश में बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए कई तरह के अहम कदम उठाती रहती है. ताकि महंगाई की मार से आम जनता को किसी भी तरह की तकलीफ का सामना नहीं करना पड़े. इसी कड़ी में केंद्र सरकार बाजार में बड़ी दालों की कीमत पर नियंत्रण पाने के लिए इनका बड़ी मात्रा में आयात करेगी. ऐसा करने से घरेलू बाजार में दालों की बढ़ी कीमतों से निजात मिलेगी.
10 लाख टन तुअर दाल का होगा आयात
देश में दालों की कीमत पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने लगभग 10 लाख टन तुअर दाल को एक्सपोर्ट करने की अच्छी योजना तैयार की है. इस स्कीम की चर्चा हाल ही में कैबिनेट सचिव के स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक के दौरान की गई थी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिसंबर 2022 में करीब 2 लाख टन अरहर दाल ठीक इसी तरह से योजना बनाकर आयात की गई थी. इसी क्रम में अब सरकार घरेलू उपलब्धता सुनिच्श्रित करने के लिए 10 लाख टन तक अरहर दाल का भी आयात करने जा रही है.
दालों के आयात करने का परिणाम
दालों के आयात करने से देश में दाल आपूर्ति का किसी भी तरह के संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस संदर्भ में भारत सरकार ने अग्रिम योजना भी तैयार की है. बता दें कि हमारे देश में सबसे अधिक अरहर दाल पूर्वी अफ्रीकी देश और कुछ दाल म्यांमार से भी आती है. इसी सिलसिले के आधार पर अरहर दाल का आयात पहले ही 31 मार्च 2024 तक का सामान्य लाइसेंस के माध्यम से आ चुका है.
घटेगा अरहर/ तुअर का उत्पादन
सरकार के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में अरहर दाल का उत्पादन 38.9 लाख टन तक रह सकता है, जोकि पिछले साल 43.4 लाख टन तक रहा था. इसका मुख्य कारण गुलबर्ग इलाकों में मौसम की मार बताई जा रही है.
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फसल पर सूखे की बीमारी व अन्य कई तरह के रोग की चपेट में फसल आने से नष्ट हो गई है, जिसके चलते तुअर दाल के उत्पादन में इस बार कमी देखने को मिल सकती है.