Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 23 December, 2023 5:50 PM IST
सुरेंद्र अवाना को ICAR द्वारा डेयरी सेक्टर में मिला राष्ट्रीय 'नस्ल संरक्षण अवार्ड-2023'

राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, करनाल, हरियाणा ICAR के द्वारा किसान दिवस के उपलक्ष पर आयोजित कार्यक्रम में सुरेंद्र अवाना को डेयरी सेक्टर में राष्ट्रीय "नस्ल संरक्षण पुरस्कार 2023" से सम्मानित किया गया है. यह राष्ट्रीय पुरस्कार डॉ जी.के.गौर उप महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली, डॉ. ज्ञानेद्रा सिंह, निदेशक भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल, हरियाणा,  डॉ. ऐ. के. मोहंती निदेशक भारतीय गौवंश अनुसंधान केंद्र, मेरठ एवं डॉ. बी. पी. मिश्रा निदेशक राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, करनाल द्वारा दिया गया है.

बता दें कि अवाना ने राजस्थान को पहली बार आईसीएआर की संस्था एनबीएजीआर राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो करनाल द्वारा राष्ट्रीय स्तर का ‘नस्ल सरंक्षण पुरस्कार-2023’ दिलाया है.  

किसान दिवस पर सुरेंद्र अवाना ICAR के "नस्ल संरक्षण पुरस्कार 2023" से हुए सम्मानित

सुरेंद्र अवाना को गिर गाय के संरक्षण के लिए करनाल ICAR के द्वारा प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. जबकि द्वितीय पुरस्कार हर्षित सिंह सीकर निवासी को थारपारकर गाय के संरक्षण के लिए दिया गया. वहीं, तृतीय पुरस्कार बाड़मेर निवासी देवाराम बकरी की मारवाड़ी नस्ल के संरक्षण के लिए दिया गया है. इसी क्रम में बकरी की सोजत नस्ल पर कार्य करने वाले नोहर हनुमानगढ निवासी सुरेन्द्र कुमार को बकरी की सोजत नस्ल के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सम्मानित किया गया है.

राजस्थान के किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में ICAR - NBAGR द्वारा 8 अवार्ड में से 5 अवार्ड दिए गए हैं. वहीं, प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अवाना को इसे पहले भी कई पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, जो कुछ इस प्रकार से हैं.

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा IARI-फेलो फार्मर अवार्ड 2023

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा जगजीवनराम अभिनव किसान पुरस्कार / जगजीवन राम इनोवेटिव फार्मर अवार्ड 2021

मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय गोपाल रत्न अवार्ड 2021 भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा नवोन्मेषी कृषक पुरस्कार-2021

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा राष्ट्रीय हलधर ऑर्गेनिक अवार्ड 2019

केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान द्वारा कृषक प्रोत्साहन पुरस्कार 2021

भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान झांसी द्वारा प्रगतिशील कृषक सम्मान 2020 व 2022

राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो करनाल द्वारा नस्ल सुधार हेतु प्रशस्ति प्रमाण पत्र 2020

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत राजस्थान सरकार द्वारा राज्य स्तरीय पशुपालक प्रथम पुरस्कार-2023

राजस्थान के राज्यपाल द्वारा गौ आधारित एवं एकीकृत कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कार्य करने पर 2019 में सम्मानित

कृषि विभाग की आत्मा योजना के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 के लिए मुख्यमंत्री द्वारा राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार

राजस्थान सरकार द्वारा जैविक खेती का प्रथम पुरस्कार 2021

उक्त के अलावा भी उन्हें कई राज्य स्तरीय संस्थाओं द्वारा भी सम्मानित किया गया है. वहीं, प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अवाना ने इस बार पद्मश्री अवार्ड के लिए भी आवेदन किया है.

प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अवाना के बारे में...

जयपुर से करीब 60 किलोमीटर दूर भैराणा गांव, पंचायत बिचून, जिला दूदू के रहने वाले हैं. सुरेंद्र अवाना अपने गांव में IFS मॉडल यानी इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम से जैविक खेती लगभग 55 एकड़ खेत में करते हैं. प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अवाना विगत 40 वर्षों से सभी तरह की प्राकृतिक कृषि एवं पशुपालन, बागवानी, औषधीय फसलों की खेती और नर्सरी तैयार आदि करने का काम कर रहे हैं. इसके अलावा, सुरेन्द्र अवाना गोबर से ईट, गमले, दीपक, लकड़ी और पेंट आदि बनाने का भी काम करते हैं.

ये भी पढ़ें: खेती में नवाचार और डेयरी फार्मिंग से सुरेंद्र अवाना देशभर के किसानों को दिखा रहे नई राह, सालाना आमदनी 50 लाख रुपये से ज्यादा

इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम से उगा रहे कई फसलें

प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अवाना इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम से लगभग सभी तरह की फसलों की खेती कर रहे हैं. इनके खेत में 42 किस्मों के फल लगे हुए हैं. इसके अलावा ये लगभग सभी तरह की सब्जियों की खेती करते हैं. वहीं, इनके डेयरी फार्म में 300 गिर नस्ल की गायें हैं. पांच ऊंट हैं और दो घोड़े भी हैं. 100 बकरी, 50 भेड़ आदि भी इनके पास हैं.

सुरेंद्र अवाना जो भी उत्पादन करते हैं, उसकी प्रोसेसिंग करके खेती और पशुपालन को उद्योग का दर्जा दे रहे हैं. इस काम को करते हुए सुरेंद्र अवाना को 7 साल हो चुके हैं. किसान सुरेंद्र अवाना के पास अलग-अलग कई ब्रांड हैं, जिसके अंतर्गत ये अपने सभी उत्पादों को बेचते हैं. उन्होंने एक एफपीओ भी बना रखा है जिसका नाम जैविक गांव फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन है.

English Summary: Progressive farmer Surendra Awana received Breed Conservation Award 2023 by ICAR farmers day kisan diwas nasal sanrakshan puraskar
Published on: 23 December 2023, 05:56 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now