Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Weather Update: देश के इन 9 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें अगले 5 दिन कैसा रहेगा मौसम? खुशखबरी! गाय-भैंस खरीदने पर महिलाओं को मिलेंगे 4,84,000 रुपए, जल्द करें आवेदन Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन Digital India: लॉन्च हुआ फेस आईडी वाला Aadhaar App, अब नहीं देनी होगी कहीं आधार की फोटोकॉपी! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? सिंचाई के लिए पाइप खरीदने पर किसानों को ₹15,000 तक की सब्सिडी, जानिए पात्रता और आवेदन प्रक्रिया!
Updated on: 22 May, 2024 10:45 AM IST
‘‘गर्मी की गहरी जुताई के महत्त्व’’ विषय पर असंस्थागत प्रशिक्षण कार्यक्रम, फोटो साभार: KVK Jhalawar

मई महीने के शुरुआत से ही भीषण गर्मी पड़ रही है. ऐसे में किसानों को अपने खेत से लेकर फसल की पैदावार तक कई बातों का ध्यान रखना होता है. ताकि वह समय पर फसल से अच्छी कमाई कर सके. इसी क्रम में हाल ही में कृषि विज्ञान केन्द्र, झालावाड़ द्वारा घड़ावली (मनोहरथाना) में ‘‘गर्मी की गहरी जुताई के महत्त्व’’ विषय पर असंस्थागत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. ताकि किसान गर्मी के मौसम में खेत की गहरी जुताई के महत्व को समझ सके और अच्छा मुनाफा पा सके.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ‘‘गर्मी की गहरी जुताई के महत्त्व’’ विषय पर असंस्थागत प्रशिक्षण कार्यक्रम 18 मई, 2024 को आयोजित किया गया. आइए इस कार्यक्रम में क्या कुछ खास रहा इसके बारे में विस्तार से जानते हैं...

कार्यक्रम में किसानों ने लिया भाग

केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. टी.सी. वर्मा ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र, झालावाड़ द्वारा घड़ावली (मनोहरथाना) में ‘‘गर्मी की गहरी जुताई के महत्त्व’’ विषय पर असंस्थागत प्रशिक्षण 18 मई, 2024 को आयोजित किया गया जिसमें लगभग 38 कृषकों ने भाग लिया और गर्मी के मौसम में खेत से जुड़ी कई महत्वूपर्ण जानकारी प्राप्त की.

प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. सेवाराम रूण्डला, विषय विशेषज्ञ ने असंस्थागत प्रशिक्षण विषय गर्मी की गहरी जुताई के महत्त्व के बारें में किसानों को विस्तार से परिचय कराते हुये बताया कि समय पर गर्मी की गहरी जुताई करने से खेतों में हानिकारक कीट और रोगों के अवशेषों का प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन एवं जल संरक्षण में सहायक होती है. इससे खरपतवारों के बीज नष्ट होने के साथ फसलों की प्रारंभिक अवस्था में खरपतवारों द्वारा होने वाले नुकसान से फसलों को बचाया जा सकता है.

गहरी जुताई करने की पहल

गहरी जुताई से वर्षा जल का उचित प्रबंधन किया जा सकता है, जिसके उपरांत फसलों को जीवनरक्षक सिंचाई में मदद मिलती है. “खेत का फसल अवशेष/कचरा खेत में, खेत का पानी खेत में” के सिद्धांत की पालना गहरी जुताई से ही संभव है.

अतः किसानों को जागरूकता रखते हुए गहरी जुताई करने की पहल करनी चाहिए ताकि टिकाऊ कृषि उत्पादन एवं मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन को परिलक्षित किया जा सके. साथ ही मृदा जांच हेतु उचित नमूना संग्रहण कर जांच करवाकर फसलों में पोषक तत्त्व प्रबंधन करना चाहिए.

English Summary: Program on deep summer plowing organized by Krishi Vigyan Kendra Jhalawar in Ghadavali Manoharthana KVK Jhalawar farmers
Published on: 22 May 2024, 10:48 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now