वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाजरे की खेती की वकालत करते हुए कहा कि भविष्य के लिए बाजरा को भोजन का विकल्प बनाना समय की मांग है. उन्होंने कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि एक सदी में एक बार होने वाली महामारी के बाद संघर्ष की स्थिति (यूक्रेन-रूस युद्ध) ने दिखाया है कि खाद्य सुरक्षा अभी भी एक समस्या है और चिंता की स्थिति है.
दरअसल, मंगलवार को रोम में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023 का शुभारंभ किया गया. इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए कहा कि इस सदी में महामारी (कोरोना) और संघर्ष की स्थिति (यूक्रेन-रूस युद्ध) ने दिखाया है कि खाद्य सुरक्षा अभी भी हमारे लिए एक चिंता का विषय है. इसलिए बाजरा को आहार के विकल्प के रूप में चुनने का वक्त आ गया है.
इसके आगे पीएम मोदी ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023 के उत्सव को आगे बढ़ाएगा. इसके साथ ही पोषक अनाज की खेती व खपत को बढ़ावा देने के लिए अभियान आयोजित करेगा.
आपको बता दें कि रोम, इटली में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023 के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी का संदेश पढ़ा गया. उद्घाटन समारोह में कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल उपस्थित रहा. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत के औपचारिक संदेश को शोभा करंदलाजे द्वारा व्यक्त किया गया.
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इसमें बताया गया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि और पहल है जिसकी वजह से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को दुनिया भर के 70 से अधिक देशों के समर्थन के साथ ''अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष'' घोषित किया. यह टिकाऊ कृषि में बाजरा की महत्वपूर्ण भूमिका और स्मार्ट और सुपरफूड के रूप में इसके लाभों के बारे में दुनिया भर में जागरूकता पैदा करने में मदद करेगा.
इस संदेश के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बाजरा उपभोक्ता, किसान और जलवायु के लिए अच्छे हैं. इसलिए बाजरे की खेती आहार विविधता को बढ़ाने के लिए एक अच्छा तरीका है.