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Updated on: 27 January, 2024 12:56 PM IST
दिल्ली में किसानों ने जोश-उमंग से गणतंत्र दिवस समारोह में की शिरकत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष पहल पर, केंद्र सरकार के आमंत्रण पर विभिन्न राज्यों से देश की राजधानी दिल्ली आए डेढ़ हजार से ज्यादा सम्माननीय अतिथि किसान भाइयों-बहनों ने गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में जोश व उमंग के साथ शिरकत की. इनमें से कई किसान पहली बार राजधानी आए थे. कर्त्तव्य पथ पर मुख्य समारोह में शामिल होने के बाद ये किसान पूसा परिसर में आए, जहां केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने इनका आत्मीयता से स्वागत एवं अभिनंदन किया. इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी व सुश्री शोभा करंदलाजे, डेयर के सचिव व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक तथा वैज्ञानिक एवं अधिकारीगण उपस्थित थे.

पूसा में दो दिनी किसान सम्मेलन के समापन अवसर पर संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 75वें गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में नारी शक्ति को प्रधानता दी, जिसके लिए उनका हार्दिक धन्यवाद. प्रधानमंत्री महिलाओं, युवाओं, किसानों व गरीबों के लिए लगातार काम कर रहे हैं और इन वर्गों के लिए देश में विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं, साथ ही विकसित भारत निर्माण में इन सबका अविस्मरणीय योगदान रहेगा.

हमारे अन्नदाता, हमारे देश की शान: कृषि मंत्री मुंडा

इस दौरान कृषि मंत्री मुंडा ने कहा कि हमारे अन्नदाता, हमारे देश की शान है, जो किसी जाति-वर्ग से बंधे हुए नहीं है, बल्कि समग्र रूप से देश का पेट भर रहे हैं और मुझे खुशी है कि ऐसे अन्नदाताओं के बीच काम करने का मौका मिल रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों को इस भावना के साथ काम करना चाहिए कि हम किसी से कम नहीं, वहीं अपने लहलहाते खेतों व उर्वरा मिट्टी के माध्यम से विकसित भारत में अपना योगदान देना चाहिए. मंत्री मुंडा ने कहा कि किसानों की नई पीढ़ी भी इस दिशा में आगे आएं.

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा

मुंडा ने कहा कि देश में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन हुआ है, जिसका श्रेय किसानों को है. वर्ष 2013-14 में उत्पादन करीब 265 मिलियन टन था, वहीं 2022-23 में बढ़कर 329.69 मिलियन टन हो गया. बागवानी उत्पादन भी 351.92 मिलियन टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है. मोदी सरकार ने किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई हैं, साथ ही किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी लाभ पहुंचाया गया है. विशेष रूप से, बीते एक दशक में धान एमएसपी में 66.79% की वृद्धि हुई, जबकि गेहूं एमएसपी 62.50% बढ़ी है, जो किसानों के लिए अनुकूल व सुरक्षित वातावरण का निर्माण करती है. इसी तरह, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम के जरिये खाद्य तेल की उपलब्धता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. इसका उद्देश्य अतिरिक्त क्षेत्रों को ऑयल पाम की खेती में शामिल करना है.

सरकार की कई योजनाएं किसानों के लिए हैं बेहद लाभदायक

कृषि मंत्री मुंडा ने बताया कि 2019 में पीएम किसान सम्मान निधि की शुरूआत से अब तक 11 करोड़ से अधिक किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रु. की अतिरिक्त आय सहायता प्रदान करना भी एक गेम-चेंजर साबित हुआ है. इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) कृषि मंत्रालय की प्रमुख पहल है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में शुरू किया था.

किसान नामांकन के मामले में दुनिया की यह सबसे बड़ी फसल बीमा योजना व बीमा प्रीमियम में तीसरे नंबर की यह योजना 22 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में क्रियान्वित की जा रही है, जिसमें अन्य राज्य जुड़ रहे हैं. इसमें किसानों के नामांकन में अत्यधिक वृद्धि के साथ 2023 में 2 करोड़ से अधिक का सर्वकालिक उच्च नामांकन हुआ है. बीमित क्षेत्र में भी 2022-23 में गत वर्ष की तुलना 12% वृद्धि हुई है, जो 497 लाख हेक्टेयर से अधिक के व्यापक कवरेज तक पहुंच गई है.

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मुंडा ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी), मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना जैसी पहलों से किसानों को सशक्त बनाया जा रहा है व खेती-किसानी को बढ़ावा दिया जा रहा है. जैविक व प्राकृतिक खेती को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने जनांदोलन के रूप में प्राकृतिक खेती पर बल दिया है. मुंडा सम्मेलन के पहले और बाद में किसानों से अलग-अलग समूहों के साथ फोटो सेशन में शामिल हुए और उनसे अपने-अपने राज्यों में कृषि क्षेत्र से संबंधित चर्चाएं की. दिल्ली प्रवास के दौरान किसानों ने पूसा में प्रशिक्षण लिया.

English Summary: Pride of our food provider country Republic Day celebrations Agriculture Minister Munda Prime Minister Narendra Modi Government schemes
Published on: 27 January 2024, 01:00 PM IST

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