ड्रिप-मल्चिंग तकनीक से हो रही उन्नत खेती, जानें क्या है यह विधि और किन फसलों के लिए है लाभदायक Indian Goat Breeds: भारतीय बकरी की नस्लें और उनकी अनूठी विशेषताएं ICAR IARI ने कई पदों पर निकाली भर्ती, बिना परीक्षा होगी सीधी भर्ती, वेतन 54,000 रुपये से अधिक, ऐसे करें अप्लाई Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये बिजनेस, हर महीने होगी मोटी कमाई! एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 28 May, 2021 11:51 AM IST
Mustard Oil

बार-बार समझाने के बावजूद भी लोग झूठी अफवाहों को फैलाने से बाज नहीं आते हैं. मगर अब तो अति हो गई है, वो इसलिए क्योंकि, इस झूठी अफवाह की वजह से किसान भाइयों को बड़ा नुकसान हो गया है. 

जी हां...बता दें कि विगत गुरुवार को कुछ लोगों ने यह अफवाह फैला दी थी कि सरसों के आयात शुल्क में भारी कमी आ गई है, जिसकी वजह से विदेशी बाजार में इसकी मांग पर नकारात्मक असर पड़ा. वहीं, किसानों को आर्थिक दृष्टि से भारी नुकसान हुआ है. बीते कुछ दिनों से सरसों की मांग में इजाफा दर्ज किया गया था, जिसकी वजह से तेल की कीमत चरम पर पहुंच चुकी और इसका फायदा किसानों को पहुंच रहा था.

अन्य फसलों पर भी पड़ा असर

यहां हम आपको बताते चले कि इस झूठी अफवाह का असर न महज सरसों के तेल की कीमत पर भी पड़ा है, बल्कि सोयाबिन समेत तिलहनों की कीमत पर भी इसका असर देखने को मिला है. एकाएक अब इनकी कीमत धड़ाम से नीचे गिर गई है. बहरहाल, अब आगे चलकर इनकी कीमत क्या रूख अख्तियार करती हैं. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.

यहां जानिए इनकी कीमत

वहीं, बात अगर इनकी कीमत की करें, तो विगत गुरुवार को सरसों कच्ची घानी तेल का भाव 2430 से 2530 के बीच रहा. जो बुधवार को 2445 से 2545 के बीच था. इसी तरह पक्की घानी के भाव में भी गिरावट आई है और गरुवार को यह 2330 -2380 रुपये प्रति टिन के दर पर बंद हुआ. इन सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अब बाजारों में इन सरसों की आमद कम पड़ गई है, जिसका सीधा असर इनकी कीमतों पर पड़ता हुआ दिख रहा है. 

ये खबर भी पढ़ें: जरूरी खबर: यास तूफान से बिगड़े हालात, अब मध्य प्रदेश के इन जिलों में नहीं होगी गेहूं की खरीद

बाजारों में भी आमद हुई कम

दिल्ली की नजफगढ़ मंडी में सरसों की प्रतिदिन की आवक 15 से 20 हजार बोरी हुआ करती थी, जो अब घटकर 500 से 600 पर आकर रुक गई है. 

अब ऐसे में सरसों के दाम आगे चलकर क्या रूख अख्तियार करते हैं. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, तब तक के लिए आप कृषि क्षेत्र से जुड़ी हर बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए कृषि जागरण...!

English Summary: Price of mustard oil go down due to rumors
Published on: 28 May 2021, 11:59 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now