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Updated on: 29 March, 2025 2:36 PM IST
खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय, उद्योग विभाग, बिहार और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के बीच महत्वपूर्ण परियोजना के लिए द्विपक्षीय समझौते पर किए गए हस्ताक्षर

बिहार सरकार के उद्योग विभाग के खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय के तत्वावधान में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PMFME) के तहत बिहार के समस्तीपुर स्थित डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा में एक अत्याधुनिक इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जा रही है. यह इनक्यूबेशन सेंटर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है और इसे खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय, उद्योग विभाग, बिहार द्वारा संचालित किया जाएगा.

यह सेंटर बिहार राज्य का पहला अत्याधुनिक इनक्यूबेशन सेंटर होगा, जो राज्य के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को वैश्विक मानकों के अनुरूप उच्चतम गुणवत्ता की सुविधाएं प्रदान करेगा.

समझौता और परियोजना लागत

26 मार्च 2025 को खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय, उद्योग विभाग, बिहार और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के बीच इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इस परियोजना की कुल लागत ₹2.58 करोड़ निर्धारित की गई है, जो राज्य के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा. इस अवसर पर बिहार सरकार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा, खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय के निदेशक निखिल धनराज निप्पाणीकर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के सह प्राध्यापक डॉ. राम दत्त, प्रगति प्रियदर्शी सहित कई प्रमुख गणमान्य लोग उपस्थित रहे.

इनक्यूबेशन सेंटर के उद्देश्य

यह अत्याधुनिक इनक्यूबेशन सेंटर खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया जाएगा. इस सेंटर में विशेष रूप से निम्नलिखित प्रसंस्करण सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी:

  • 400 मीट्रिक टन/वर्ष की क्षमता से फलों और सब्जियों का प्राथमिक प्रसंस्करण: यह सुविधा किसानों और उत्पादकों को फलों और सब्जियों के बेहतर प्रसंस्करण, पैकेजिंग और विपणन के अवसर प्रदान करेगी.
  • 150 मीट्रिक टन/वर्ष की क्षमता से शहद प्रसंस्करण: यह शहद के प्रसंस्करण से जुड़े उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा, जिससे शहद उत्पादकों को बढ़ावा मिलेगा.
  • मशरूम और केला आधारित कूकीज प्रसंस्करण लाइन: यह नया कदम न केवल विभिन्न खाद्य उत्पादों के प्रसंस्करण के अवसर उत्पन्न करेगा, बल्कि बिहार में कृषि आधारित उद्योगों को नया मोड़ देगा.

इन सुविधाओं के माध्यम से, यह सेंटर राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इसके अतिरिक्त, यह किसानों और उद्यमियों को प्रौद्योगिकी और बाजार की जानकारी प्रदान करने में भी मदद करेगा.

शैक्षिक और प्रशिक्षण अवसर

इस परियोजना के अंतर्गत डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय को अतिरिक्त बुनियादी ढांचा मिलेगा, जिससे विश्वविद्यालय के छात्रों के प्रशिक्षण की क्षमता में वृद्धि होगी. इस सेंटर के माध्यम से विश्वविद्यालय में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित नए पाठ्यक्रम और कार्यशालाएँ आयोजित की जा सकेंगी, जिससे छात्रों को आधुनिक तकनीकों और उद्योग मानकों के बारे में जानकारी प्राप्त होगी. इसके साथ ही, बिहार सरकार का उद्योग विभाग खाद्य प्रसंस्करण स्टार्टअप और योजना के लाभार्थियों को प्रशिक्षण देने के लिए इस सेंटर का उपयोग करेगा. यह पहल विशेष रूप से युवा उद्यमियों और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में नवाचार करने वाले व्यवसायों के लिए लाभकारी साबित होगी.

वैश्विक मानकों की ओर एक कदम

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी. एस. पाण्डेय ने इस परियोजना के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, "यह अत्याधुनिक इनक्यूबेशन सेंटर न केवल एक बेहतर प्रशिक्षण और विकास का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि बिहार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को वैश्विक मानकों तक पहुंचाने में भी सहायक सिद्ध होगा."

नए अवसरों का सृजन

यह परियोजना बिहार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास के लिए एक नई दिशा और अवसर प्रदान करेगी. राज्य में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में जो अवसर पहले सीमित थे, अब वे विस्तार पा रहे हैं. इससे राज्य में नए रोजगार अवसर उत्पन्न होंगे, जो विशेष रूप से स्थानीय युवाओं और महिलाओं के लिए फायदेमंद होंगे.

रिपोर्ट: रामजी कुमार, एफटीजे, बिहार

English Summary: Pradhan Mantri Micro Food Processing Enterprises Upgradation Scheme State of the art incubation center bihar pmfme scheme
Published on: 29 March 2025, 02:39 PM IST

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