केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार, 13 अगस्त को तेलंगाना के राजेंद्र नगर में राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान की 66वीं आम परिषद की बैठक में भाग लेने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित के दौरान कहा कि गांव में कोई गरीब क्यों रहे, इसलिए हमारे प्रधानमंत्री का सपना है, संकल्प है गरीबी मुक्त गांव. चौहान ने कहा कि “गांव में कोई भी गरीब नहीं होना चाहिए और सभी को रोजगार मिलना चाहिए. महात्मा गांधी का सपना था ग्राम स्वराज; जब हम ग्रामीण विकास की बात करते हैं, तो बुनियादी ढांचे का विकास सबसे आगे आता है. चौहान ने आगे कहा कि ग्रामीण विकास का मतलब है गांव में अच्छे स्कूल, अच्छे पंचायत भवन, अच्छे सामुदायिक भवन, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं. इसलिए बुनियादी ढांचा महत्वपूर्ण है.
चौहान ने कहा कि गांवों को उचित सड़क संपर्क, पीने योग्य पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं आदि की आवश्यकता है. दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2000 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) शुरू की और इस परियोजना को हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे बढ़ाया है. जब ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास की चर्चा होती है, तो जल जीवन मिशन एक और योजना है जिसका उल्लेख करना जरूरी है.”
आजीविका योजना का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने आजीविका मिशन के माध्यम से बहनों के सशक्तिकरण के लिए अद्भुत काम किया है. देशभर में 10 करोड़ बहनें आजीविका मिशन से जुड़ी हैं. बहनों ने न सिर्फ अपना जीवन बदला है बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को बदलने में भी अहम भूमिका निभा रही हैं. यह सिर्फ भारत भर में महिलाओं को दिए जा रहे प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के कारण ही संभव हो पाया है, वे नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर रही हैं. चौहान ने आगे कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने तय किया है कि अभी 1 करोड़ लखपति दीदी हैं और अब 3 करोड़ लखपति दीदी बनानी हैं. हम गांवों तक सभी जरूरी सुविधाएं पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय के लिए थिंक टैंक के रूप में एनआईआरडीपीआर द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के अलावा, अधिक क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण गतिविधियों की आवश्यकता है. शिवराज सिंह चौहान ने एनआईआरडीपीआर में स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में भाग लेने वाले छात्रों से ग्रामीण विकास के लिए काम करने का आग्रह किया.
इस अवसर पर, गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में जेएनयू, नई दिल्ली और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए), नई दिल्ली के साथ पीएचडी कार्यक्रम के लिए दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए. केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने ग्राम रोजगार सेवक (जीआरएस) के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम भी शुरू किया.
चौहान ने बाद में परिसर में ग्रामीण प्रौद्योगिकी पार्क का दौरा किया और पीएमएवाई-जी मॉडल हाउस (डबल बेडरूम) का उद्घाटन किया. यह घर 409.5 वर्ग फीट में 4.04 लाख रुपये की लागत से बनाया गया था, जो 987 रुपये प्रति वर्ग फीट आता है. घर का निर्माण नींव, ईंट के स्तंभ और आरसीसी बीम के लिए यादृच्छिक मलबे के पत्थर, रासायनिक उपचारित बांस की पट्टियों का उपयोग करके बामक्रेट दीवार, शंक्वाकार टाइल की छत, फर्श के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध पत्थरों और गाय के गोबर आधारित पेंट से पेंटिंग जैसी तकनीकों का उपयोग करके किया गया है.