जबरदस्त है गहरी जुताई के फायदे, कम लागत के साथ बढ़ता है उत्पादन! 10 वर्ष पुरानी आदिवासी पत्रिका 'ककसाड़' के नवीनतम संस्करण का कृषि जागरण के केजे चौपाल में हुआ विमोचन Vegetables & Fruits Business: घर से शुरू करें ऑनलाइन सब्जी और फल बेचना का बिजनेस, होगी हर महीने बंपर कमाई Rural Business Idea: गांव में रहकर शुरू करें कम बजट के व्यवसाय, होगी हर महीने लाखों की कमाई एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 12 March, 2018 12:00 AM IST
Potato

किसानों फसलों का मंडी में भाव हमेशा एक परेशानी रहा है. कभी यह बढ़ जाता है तो कभी यह घाट जाता है. यदि रेट बढ़ता है तो किसान को फायदा मिलता है और रेट घटता है तो किसान परेशानी में आ जाता है. आलू जैसी देश की मुख्य फसल किसानों को अच्छा फायदा दे देती है बशर्ते की मंदी में फसल का भाव सही रहे.

इसा बार किसानों को आलू के सही दाम मिल रहे है जिसके चलते किसानों को फायदा मिल रहा है. मार्च का महीना आलू किसानों के लिए अच्छा जा रहा है. आलू की कीमतें फरवरी के मुकाबले लगभग दोगुनी हो चुकी हैं. जनवरी के अंत में अगैती आलू लखनऊ में 400 रुपए प्रति क्विंटल बिका था जो इस वक्त 900 से 1000 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गया है.

दिल्ली की थोक मंडी आजादपुर में 800 से 1000 तो मध्य प्रदेश के इंदौर में भी कीमतें 1000 के आसपास रहीं. कारोबारी आलू की बढ़ती कीमतों के लिए कोल्ड स्टोरेज में भंडारण को मान रहे हैं. यूपी समेत कई राज्यों में बड़े पैमाने पर स्टोर किया जा रहा है, बड़े कारोबारी भी भंडारण करवा रहे हैं, मांग बढ़ने का सीधा असर रेट पर पड़ रहा है.

ज्ञात रहे देश में सबसे ज्यादा कोल्ड स्टोरेज यूपी में हैं. कन्नौज में करीब 117 कोल्ड स्टोरेज में भंडारण जारी है. देश की कुल क्षमता 2 लाख 4 हजार मीट्रिक टन है. पिछले वर्ष आलू किसानों को जबरदस्त घाटा उठाना पड़ा था. आलू की कीमतें पैसों तक में आ गई थीं. 

यह खबर भी पढ़ें : Top Potato Varieties: आलू की इन 5 क़िस्मों की करें बुवाई, मिलेगी बेहतर उपज

बहुत से किसानों ने आलू खेत में जुतवा दिया था, जबकि इस सीजन में यूपी के सैकड़ों कोल्ड स्टोरेज में हजारों किसान आलू निकालने नहीं पहुंचे, क्योंकि रेट इतने कम थे कि उनकी लागत नहीं निकल पा रही थी. आगरा समेत कई जगह पर कोल्ड स्टोरेज वालों ने अपने पैसे से आलू निकालकर फेंकवा दिया था. जिसके बाद योगी सरकार को सरकारी खरीद शुरू करानी पड़ी थी.

English Summary: potato News
Published on: 12 March 2018, 06:23 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now