रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी, उत्तर प्रदेश, के प्रांगण में “बुंदेलखंड में कृषि निर्यात एवं पोषक अनाज की संभावनाएँ” विषय पर फरवरी 26 से 27, 2023, के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया जा रहा हैं. दिनांक २६ फरवरी को मुख्य अतिथि, सूर्य प्रताप शाही, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, द्वारा मेले का उद्घाटन किया जाना सुनिश्चित हुआ है. विशिष्ट अतिथि के रूप में संसद अनुराग शर्मा, झांसी-ललितपुर किसान मेले में पधारेंगे. २७ फरवरी को किसान मेले के अंतर्गत, ‘बुंदेलखंड कृषि निर्यात सम्मेलन’ का उद्घाटन मनोज कुमार सिंह, आयुक्त कृषि उत्पादन, उत्तर प्रदेश सरकार, द्वारा एवं विशिष्ट अतिथि देवेश चतुर्वेदी, अतिरिक्त मुख्य सचिव (कृषि), उत्तर प्रदेश सरकार रहेंगे. अन्य कई अतिथि गण भी आयोजन में उत्साह वर्धन करेंगे.
इस अवसर पर विश्वविद्यालय कुलपति, एवं कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार सिंह, मेला आयोजक, निदेशक प्रसार-शिक्षा, डॉ. एस. एस. सिंह एवं समस्त पदाधिकारियों द्वारा इस दो दिवसीय कृषि मेले एवं प्रदर्शनी को एक भव्य उत्सव के रूप में दर्शाने की अभिलाषा जताई तथा समस्त किसान भाइयों एवं बहनों को मेले में उत्साहपूर्ण भागीदारी दर्ज करवाने हेतु विनीत आमंत्रण दिया है.
विश्वविद्यालय के प्रसार-शिक्षा विभाग को एक साक्षात्कार द्वारा २६ व २७ फरवरी २०२३ को आयोजित होने वाले किसान मेले से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथा विस्तारपूर्ण जानकारी, प्राप्त हुई, जो तत्पश्चात ‘कृषिजागरण’ को प्रेषित की गई, जिससे कि बड़ी संख्या में भारत के विभिन्न प्रांतों से किसान वर्ग, कृषि उधयमी इत्यादि, इस मेले से सम्मिलित होकर लाभान्वित हो सकें.
१ प्रश्न: किसान मेला एवं प्रदर्शनी के आयोजन किन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु किया जा रहा है?
उत्तर: किसान मेले के माध्यम से हमारे विश्वविद्यालय द्वारा किसानों को कृषि क्षेत्र में विकसित नई तकनीकों के बारे में बताया जाएगा तथा उनको प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. हमारा प्रमुख उदेश्य है, किसानों को कृषि क्षेत्र में विकसित नवाचारों की सम्पूर्ण जानकारी सहज-एवं सरल माध्यम से देना, जिससे सभी किसान भाई-बहन, विकसित तकनीक से खेती करके अपनी आय बढ़ा सकें. किसान मेले के दौरान हज़ारों किसान इसमें शिरकत करेंगे और कृषि क्षेत्र में नई तकनीक के साथ-साथ खेती में नए गुण सीखेंगे. यह किसी उत्सव से कम न होगा, जिसमें देश के अन्न दाताओं को कृषि के उभरते स्वरूप, उसके शिक्षा तथा विज्ञान से जुड़े तारों को अंतर्मन से अनुभव करने का अवसर प्राप्त होगा. यही नहीं, कृषि क्षेत्र में कार्यरत हमारे तथा हमारे जैसी समस्त संस्थाओं के वैज्ञानिकों को भी किसानों से जुड़, उनकी समस्याओं को सुनकर उनके निराकरण की दिशा में कार्य करने को प्रोत्साहन मिलेगा.
२ प्रश्न: किसान मेले से किस समुदाय एवं वर्ग को लाभ पहुंचेगा? उनकी भागीदारी कैसे सुनिश्चित की जा रही है?
उत्तर: रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया, कि मेला “बुंदेलखंड में कृषि निर्यात एवं पोषक अनाज की संभावनाएँ” प्रसंग पर आधारित है. मेले में किसानों को पॉली हाउस उत्पादन तथा संचालन, ड्रोन तकनीक द्वारा सुगम खेती, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, वर्मिकोमपोस्टिंग, मक्का, मूंगफली, सरसों, तिल, मशरूम, ड्रैगन फ्रूट तथा स्ट्रॉबेरी उत्पादन इत्यादि विषयों पर वैज्ञानिकों द्वारा विस्तृत जानकारी दी जाएगी. साथ-ही-साथ, पशु-पालन, बकरी पालन, मुर्गी, मछली, व मधुमक्खी पालन इत्यादि विषयों पर भी सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी, जिससे की मेले में पधारे सभी कृषकों को लाभ पहुंचाया जा सके. किसान भाई-बहन इन जानकारियों के आधार पर अपनी आमदनी में वृद्धि कर सकते हैं. इसके साथ ही यह मेला कृषक एवं कृषि उत्पाद व्यवसाइयों को एक कड़ी में जोड़ने को भी प्रयासरत है. भारतीय कृषि उत्पादों को विश्व स्तर पर स्थापित करने, एवं उन्नत कृषि से किसान वर्ग तथा भारतीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर गोष्ठियों का आयोजन भी किया जाएगा.
डॉ सिंह ने बताया की मेले से किसानों के साथ- साथ निकटवर्ती शिक्षा संस्थानों के विद्यार्थियों, को इस मेले द्वारा कृषि क्षेत्र से संबंधित जानकारी प्राप्त होगी. कृषि व्यवसाय, उद्योग, अधिकारी गण, प्रसार कार्मिकों सभी को लाभ पहुंचेगा. आयोजन में सभी की उत्साहपूर्ण भागीदार हमें प्राप्त हो रही है. प्राइवेट सेक्टर, कृषि संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों, भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र, इत्यादि को स्टाल लगाने एवं मेले में पधारने हेतु सादर आमंत्रित किया गया है. स्थानीय जनता का आगमन इस मेले को सफलता प्रदान करेगा और हमें भविष्य में इस तरह के आयोजन हेतु उत्साहित भी करेगा. प्रशासन एवं अधिकारियों का पूर्ण सहयोग मेले के आयोजन हेतु प्राप्त हो रहा है, तथा हमें आशा है की इस मेले द्वारा हमें सभी प्रयोजनों को सिद्ध करने में सफलता प्राप्त होगी.
३ प्रश्न: रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय प्रथम बार एक किसान मेले का आयोजन कर रहा है. इस मेले एवं प्रदर्शनी के मुख्य बिंदु एवं आकर्षण क्या होंगे?
उत्तर: कृषि विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित किए जाने वाले इस मेले की मुख्य थीम “बुंदेलखंड में कृषि निर्यात एवं पोषक अनाज की संभावनाएँ” है. इस मेले में किसानों को आत्मनिर्भरता एवं उन्नत कृषि हेतु कृषि क्षेत्र की नई तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी. यह कृषि मेला जिन नौ विषयों पर केंद्रित रहेगा वे इस प्रकार से हैं-
आधुनिक कृषि-यंत्रों का प्रदर्शन
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ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन
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मोबाइल पौध स्वास्थ्य क्लिनिक का प्रदर्शन
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क्रॉप कैफेटेरिया
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फल बागान
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मक्का, मूंगफली, सरसों, तिल, मशरूम, शहद, ड्रैगन फ्रूट तथा स्ट्रॉबेरी उत्पादन
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उन्नत शील पौध एवं बीज की बिक्री एवं पशु-पालन, बकरी, मुर्गी, मधुमक्खी, मछली पालन की जानकारी
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व्याख्यान माला एवं गोष्ठी
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४ प्रश्न: क्या किसान मेल एवं प्रदर्शनी द्वारा रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे विभिन्न शोध-शिक्षण-प्रसार कार्य को नए आयाम प्राप्त होंगे?
उत्तर: विश्वविद्यालय के बुंदेलखंड में स्थापित होने का मुख्य उद्देश्य शोध एवं कृषकों के मध्य एक मजबूत कड़ी का स्थापित्व करना था, जिससे की शोध, शिक्षा, एवं प्रसार के माध्यम से बुंदेलखंड के कृषकों को कृषि की नवीनतम तकनिकियों द्वारा लाभ पहुंचाया जा सके. किसान मेले में पधारने वाले समस्त किसान भाइयों एवं बहनों से प्राप्त फीडबैक द्वारा हम अपने द्वारा किए कार्यों का मूल्यांकन करने में सफल होंगे. कृषि शिक्षा एवं शोध के प्रसार हेतु यह आकलन अत्यधिक आवश्यक होगा, तथा हमें नए आयाम स्थापित करने में मदद करेगा. वैज्ञानिकों, शिक्षकों, विद्यार्थियों इत्यादि सभी को इस मेले में किसानों, कृषि उधयमियों, विभिन्न संकायों से परिचय एवं परिचर्चा द्वारा लाभ पहुंचेगा.
५ किसान मेले को सफल बनाने हेतु किस स्तर पर कार्य किया जा रहा है?
उत्तर: किसान मेले में भागीदारी दर्ज करवाने वाले समस्त किसानों को किसी प्रकार की समस्या ना हो इस हेतु आयोजक संस्था, अधिकारी वर्ग, कृषि मंत्रालय, आदि का भरपूर सहयोग हमें प्राप्त है, जिसके लिए हम उनके आभारी हैं. दो दिवसीय मेले में आने वाले किसानों को किसी भी तरह की असुविधा न हो इसलिए बसों का संचालन भी किया जाएगा. मुख्य मार्गो पर साइन बोर्ड लगाने पर भी दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं.