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Updated on: 7 May, 2018 12:00 AM IST
Polly house

पॉली हाउस तकनीक के दम पर महासमुंद जिले के छापोरडीह गांव के 39 वर्षीय किसान गजानंद पटेल अब तक काफी मुनाफा कमा चुकें है. इस तकनीक के जरिए इन्होने 40 एकड़ जमीन पर फलों और सब्जियों की खेती कर 40 लाख रुपए तक की सालाना कमाई की.

जबकि इससे पूर्व यह केवल 80 हजार ही सालाना कमा पाते थे. यह लाभ इन्हे पॉलीहाउस तकनीक का इस्तेमाल करने से मिला है.

क्या है पालीहाउस तकनीक ? कैसे होती है इससे खेती? आईए जानते है...

पॉलीहाउस तकनीक जैविक खेती का ही एक अंग है. जिसमें सबसे पहले स्टील,लकडी,बांस या एलुमिनियम की फ्रेम का ढांचा बनाया जाता है. खेती वाली जमीन को घर जैसे आकार में पारदर्शी पॉलीमर से ढक दिया जाता है. जिससे उसके अंदर ना हवा और ना ही पानी घुस सकता है. इसके कारण कीड़े-मकौड़े का असर नही पड़ता तापमान भी सुविधा के अनुसार घटाया-बढ़ाया जा सकता है.

कैसे कर सकते है पॉलीहाउस खेती

सरकार पॉलीहाउस खेती करने पर सब्सिडी दे रही है.

आप जहां रहते है उस क्षेत्र के जिला दफ्तर जाकर आवेदन प्रस्ताव भरना होगा.

कृषि विभाग से आवेदन प्रस्ताव पर अनुमति मिलने के बाद विभाग ही पॉलीहाउस के लिए नियुक्त कंपनी किसान के पास भेजता है.

पॉलीहाउस तैयार होने के बाद इसको तैयार करने की लागत का 85 फीसदी भार सरकार तथा 15 फीसदी किसान को उठाना होता है.

पॉलीहाउस तकनीक से आप टमाटर,ककडी,शिमला-मिर्च,गोभी जैसी सब्जियां उगाई जा सकती है.

English Summary: Polly house Kheti
Published on: 07 May 2018, 04:36 AM IST

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