प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना केंद्र सरकार की एक नई पहल है, जिसका उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना है. इस योजना के माध्यम से कारीगरों के हुनर को निखारा जाएगा, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें.
इस योजना के तहत कारीगरों को न केवल प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) दी जाएगी, बल्कि उन्हें औजार खरीदने के लिए टूलकिट, और कम ब्याज दर पर लोन की सुविधा भी दी जाएगी. यह योजना लाखों लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है.
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना क्या है?
यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए शुरू की गई है, जो पारंपरिक हस्तकला, निर्माण और शिल्प कार्य से जुड़े हैं. इस योजना के अंतर्गत:
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लाभार्थियों को प्रशिक्षण के दौरान दैनिक भत्ता प्रदान किया जाएगा.
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प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सरकार की ओर से ₹15,000 तक की टूलकिट सहायता दी जाएगी, जिससे कारीगर अपने काम के जरूरी औजार खरीद सकें.
कितना मिलेगा लोन?
इस योजना में कारीगरों को दो चरणों में कुल ₹3 लाख तक का लोन मिलेगा:
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पहले चरण में ₹1 लाख रुपये,
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दूसरे चरण में ₹2 लाख रुपये.
इस लोन की खास बात यह है कि सिर्फ 5% ब्याज दर पर यह राशि उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे कारीगरों को आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़ेगा.
कौन होंगे इस योजना के लाभार्थी?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में तकरीबन 18 पारंपरिक पेशों से जुड़े कारीगरों को फायदा होगा जो इस प्रकार है- बढ़ई, सुनार, लोहार, कुम्हार, राजमिस्त्री, मोची, दर्जी, नाई, बुनकर, हथकरघा बुनकर, टोकरी बनाने वाले, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले, चर्मकार, ताला-चाबी बनाने वाले, नाव निर्माता, पत्थर तराशने वाले और खिलौने या सजावटी सामान बनाने वाले कारीगरों को भी जोड़ा जाएगा.
आवेदन प्रक्रिया
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इच्छुक कारीगर PM Vishwakarma Portal पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
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आवेदनकर्ता अगर ऑनलाइन आवेदन में परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो वह नजदीकी CSC (Common Service Center) पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं.
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आवेदनकर्ता जरूरी डॉक्यूमेंट जमा करते ध्यान दें कि आधार कार्ड, बैंक पासबुक, काम का प्रमाण पत्र या (अपने हुनर या पेशे का) सभी चेक करके जमा करें.