e-Samriddhi portal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. ये तोहफा खासकर उन किसानों के लिए है, जो दाल की खती करते हैं. दरअसल, देश में दाल की खेती करने वाले किसान अब सीधे इंटरनेट के माध्यम से अपनी उपज सरकार को बेच पाएंगे. अभी कुछ दिनों पहले ही केंद्र सरकार ने इसके लिए ई-पोर्टल लॉन्च किया था. जिसके तहत अभी तो किसान सिर्फ तुअर यानी अरहर दाल ही सरकार को बेच पा रहे हैं. लेकिन, पीएम मोदी ने दावा किया है की जल्द ही पोर्टल पर अन्य दालों की भी खरीद की जाएगी.
बाजार से बेहतर मिलेगा दाम
दरअसल, सोमवार को पीएम मोदी विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत कर रहे थे. इस दौरान पीएम मोदी ने कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों को दी जा रही सुविधाओं पर चर्चा की. उन्होंने कहा, "कुछ दिन पहले सरकार ने दाल किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. अब दाल पैदा करने वाले किसान ऑनलाइन भी सीधे सरकार को दालें बेच पाएंगे. इसमें किसानों को MSP पर खरीद की गारंटी तो मिलेगी ही, साथ ही बाजार से बेहतर दाम भी सुनिश्चित होंगे. अभी ये सुविधा तूर या अरहर दाल के लिए दी गई है. लेकिन आने वाले समय में दूसरी दालों के लिए भी इसका दायरा बढ़ाया जाएगा. हमारा प्रयास है कि दाल खरीदने के लिए जो पैसा हम विदेश भेजते हैं, वो देश के ही किसानों को मिल सके."
जल्द ये दालें भी बेच पाएंगे किसान
ई-पोर्टल पर किसान अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं और अपनी फसल NAFED और NCCF को एक निश्चित कीमत (MSP) या बाजार में मिलने वाली कीमत पर बेच सकते हैं. भविष्य में किसान इस प्लेटफॉर्म पर उड़द दाल, मसूर दाल और मक्का भी बेच सकेंगे. NAFED और NCCF सहकारी संस्थाएं हैं, जो दालें खरीदकर बफर स्टॉक बनाए रखने में सरकार की मदद करती हैं. ताकि बाद में जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त आपूर्ति की जा सके.
बिचौलियों का झंझट होगा खत्म
बता दें कि NAFED और NCCF ने मिलकर किसानों के लिए ई-समृद्धि पोर्टल https://esamridhi.in/#/ बनाया है. इस पोर्टल पर दाल उगाने वाले किसान आसानी से अपनी फसल ऑनलाइन बेच पाएंगे और इसका पैसा सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाएगा. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा की किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बिचौलियों या व्यापारियों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा. जिससे उन्हें अपनी उपज का उचित मुनाफा मिल पाएगा. इसके अलावा सरकार के इस कदम से खरीद प्रक्रिया में भी पारदर्शिता आएगी और इससे सरकार का बफर स्टॉक भी बढ़ेगा.