PM Kisan Yojana: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan Yojana) आज भारत के करोड़ों किसानों के लिए उम्मीद की एक किरण बन चुकी है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार सालाना ₹6,000 की वित्तीय सहायता सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर करती है. यह राशि तीन बराबर किस्तों में भेजी जाती है, जिससे प्रत्येक बार किसानों को ₹2,000 की आर्थिक मदद मिलती है. भारत सरकार की यह योजना वर्ष 2019 में शुरू की गई थी और तब से अब तक करोड़ों किसानों ने इसका लाभ उठाया है.
वर्तमान में, किसान 21वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं, जिसकी घोषणा को लेकर बाजारों से लेकर गांवों तक चर्चाएं जोरों पर हैं. हालांकि, अब तक केंद्र सरकार की ओर से किस्त जारी करने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स कुछ संकेत ज़रूर दे रही हैं.
अब तक कितनी किस्तें जारी हो चुकी हैं?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत से लेकर अब तक सरकार 20 किस्तें जारी कर चुकी है. हाल ही में, 21वीं किस्त भी जारी की गई है, लेकिन यह पूरी तरह सभी किसानों को नहीं मिली है. दरअसल, यह किस्त सबसे पहले उन किसानों के लिए जारी की गई, जो पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इन तीन राज्यों के करीब 27 लाख किसानों के खाते में 21वीं किस्त की राशि पहले ही भेजी जा चुकी है. वहीं बाकी राज्यों के किसान इस रकम के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं.
क्या अक्टूबर के अंत तक आ सकती है 21वीं किस्त?
इस सवाल का उत्तर अभी स्पष्ट नहीं है. खबरों के अनुसार, अक्टूबर के आखिरी सप्ताह तक पीएम किसान की 21वीं किस्त के जारी होने की संभावना बहुत कम है. केंद्र सरकार ने अब तक इस संबंध में कोई सार्वजनिक या आधिकारिक घोषणा नहीं की है.
हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार नवंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में शेष किसानों के लिए किस्त जारी कर सकती है. अगर ऐसा होता है, तो दिवाली के बाद किसानों को एक अच्छी खबर मिल सकती है.
ई-केवाईसी और भूलेख सत्यापन क्यों है ज़रूरी?
जो किसान अभी तक 21वीं किस्त का लाभ नहीं पा सके हैं, उनमें से कई ऐसे हो सकते हैं जिनकी ई-केवाईसी या भूमि रिकॉर्ड (भूलेख) का सत्यापन नहीं हुआ है. सरकार ने अब इस योजना के तहत पात्रता की जांच को और पारदर्शी बनाने के लिए ई-केवाईसी और भूलेख सत्यापन को अनिवार्य कर दिया है. यदि आपने इन दो प्रक्रियाओं को पूरा नहीं किया है, तो आपके खाते में किस्त की राशि नहीं आएगी, चाहे आप कितने भी समय से योजना के लाभार्थी क्यों न हों.
इसलिए किसानों को चाहिए कि वे अपने निकटतम जन सेवा केंद्र या डिजिटल सेवा केंद्र पर जाकर जल्द से जल्द ई-केवाईसी करवाएं और भूमि दस्तावेज़ का सत्यापन भी पूरा करें. यह प्रक्रिया अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से संभव है, जिससे किसानों को अतिरिक्त सहूलियत मिली है.
गलत जानकारी वाले किसानों को अलर्ट!
कई बार किसान योजना में रजिस्ट्रेशन के दौरान कुछ अनजाने में गलतियां कर देते हैं - जैसे नाम की स्पेलिंग, आधार नंबर में त्रुटि, बैंक खाता नंबर गलत होना आदि. ये सारी जानकारी जब सरकारी डाटाबेस से मैच नहीं होती, तो लाभ रोक दिया जाता है. यदि आपने पहले कोई ऐसी गलती की है, तो अभी भी मौका है कि आप इसे ठीक करा लें. आपके नजदीकी कृषि विभाग या CSC सेंटर से संपर्क कर आवश्यक बदलाव करवा सकते हैं.
बैंक अकाउंट और आधार लिंक होना अनिवार्य
पीएम किसान योजना के तहत मिलने वाली राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में भेजी जाती है. इसके लिए सबसे पहली और अनिवार्य शर्त है कि आपका आधार कार्ड आपके बैंक खाते से लिंक होना चाहिए. अगर यह लिंकिंग नहीं हुई है, तो आपकी किस्त अटक सकती है या रद्द भी हो सकती है. कुछ मामलों में यह देखा गया है कि किसान योग्य होने के बावजूद सिर्फ आधार-बैंक लिंकिंग न होने के कारण किस्त का लाभ नहीं ले पाए.