PM-Kisan 21st Installment: देशभर के करोड़ों किसानों के लिए राहत भरी खबर सामने आ रही है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan Samman Nidhi) योजना के तहत केंद्र सरकार बहुत जल्द 21वीं किस्त जारी करने जा रही है. इस योजना के तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो तीन समान किस्तों में उनके बैंक खातों में सीधे भेजी जाती है. अब तक 20 किस्तें जारी की जा चुकी हैं. पिछली यानी 20वीं किस्त अगस्त 2024 में दी गई थी, जिससे देशभर के 9.8 करोड़ से अधिक किसानों को फायदा मिला था. अब नवंबर 2025 शुरू हो चुका है और उम्मीद की जा रही है कि दूसरे सप्ताह तक यह किस्त किसानों के खातों में पहुंच जाएगी.
कब जारी होगी पीएम किसान की 21वीं किस्त
आमतौर पर सरकार हर चार महीने में पीएम किसान योजना की एक किस्त जारी करती है. जनवरी, अप्रैल, अगस्त और नवंबर - यही वो महीने हैं जब भुगतान की प्रक्रिया चलती है. इसी हिसाब से देखें तो नवंबर 2025 में अगली यानी 21वीं किस्त आने तय मानी जा रही है. हालांकि केंद्र सरकार या कृषि मंत्रालय की ओर से अभी तक इसकी आधिकारिक तारीख का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बार भुगतान नवंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में हो सकता है.
किसानों को इस योजना से क्या लाभ मिलता है?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 2019 में की गई थी, ताकि छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता मिल सके. इस योजना के अंतर्गत पात्र किसान परिवारों को हर साल 6,000 रुपये की सहायता दी जाती है. यह राशि तीन किस्तों में 2,000 रुपये-2,000 रुपये करके किसानों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर की जाती है. इसका लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलता है जिनके पास कृषि योग्य भूमि है और जिन्होंने अपने भू-सत्यापन और ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कर ली है.
अब तक इस योजना से देशभर में 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को फायदा मिल चुका है, और यह सरकार की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefit Transfer - DBT) योजनाओं में से एक बन चुकी है.
किसान ऐसे करें अपनी किस्त का स्टेटस चेक
किसानों को अब अपनी किस्त की स्थिति जानने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है. पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन उपलब्ध है. नीचे दिए गए आसान चरणों का पालन करके कोई भी किसान अपना पेमेंट स्टेटस चेक कर सकता है:-
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PM Kisan की वेबसाइट खोलें: सबसे पहले अपने मोबाइल या कंप्यूटर में pmkisan.gov.in पर जाएं.
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“Know Your Status” विकल्प चुनें: होम पेज पर यह लिंक स्पष्ट रूप से दिखाई देगा.
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रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज करें: यदि आपको रजिस्ट्रेशन नंबर याद नहीं है, तो “Know Your Registration Number” पर क्लिक करके इसे प्राप्त किया जा सकता है.
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कैप्चा कोड भरें और “Get Data” दबाएं: इसके बाद आपकी पूरी जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी.
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पेमेंट स्टेटस देखें: यहां पर यह लिखा होगा कि आपकी किस्त ट्रांसफर हुई है या अभी लंबित (Pending) है. साथ ही आपका बैंक विवरण और आधार नंबर भी दिखेगा.
इस प्रक्रिया के जरिए किसान यह भी देख सकते हैं कि उनके आवेदन में कोई त्रुटि तो नहीं है, या उन्हें कोई सुधार करने की आवश्यकता है.
किन किसानों की किस्त अटक सकती है
हालांकि यह योजना सभी पात्र किसानों के लिए लाभकारी है, लेकिन कुछ कारणों से कुछ किसानों की किस्त अटक सकती है.
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भू-सत्यापन अधूरा होना: यदि किसान ने अपने भूमि-सत्यापन का कार्य पूरा नहीं किया है, तो उसकी किस्त रोक दी जाती है.
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ई-केवाईसी पूरी न होना: योजना का लाभ तभी मिलता है जब किसान की ई-केवाईसी अपडेट हो. यह प्रक्रिया अब अनिवार्य कर दी गई है.
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गलत जानकारी देना: यदि किसी किसान ने गलत विवरण देकर योजना में नाम दर्ज करवाया है या वह पात्रता के मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो उसका आवेदन निरस्त किया जा सकता है.
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तकनीकी या बैंक संबंधी त्रुटियां: कई बार बैंक खाते में नाम, IFSC कोड या आधार नंबर की गलती की वजह से भुगतान रुक जाता है.
सरकार ऐसे मामलों में भुगतान रोक देती है जब तक किसान आवश्यक सुधार नहीं कर लेता. कई बार अपात्र लाभार्थियों से राशि की रिकवरी भी की जाती है.
किसान सहायता और हेल्पलाइन नंबर
यदि किसी किसान को किस्त से संबंधित कोई समस्या आती है जैसे कि भुगतान न आना, आवेदन की स्थिति अपडेट न होना, ई-केवाईसी अपलोड न होना या वेबसाइट पर त्रुटि दिखना - तो वे सीधे हेल्पलाइन पर संपर्क कर सकते हैं.
कृषि मंत्रालय ने किसानों की सुविधा के लिए दो प्रमुख हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं: 155261 और 011-24300606. इसके अलावा किसान ई-मेल के माध्यम से भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. हेल्पलाइन के अधिकारी किसानों की समस्याओं को दर्ज करके समाधान प्रदान करते हैं.
कैसे करें ई-केवाईसी और भू-सत्यापन
ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करना अब योजना में शामिल होने के लिए जरूरी है. इसे आप PM-Kisan वेबसाइट या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से कर सकते हैं. किसान को केवल आधार कार्ड नंबर दर्ज करना होता है, जिसके बाद ओटीपी वेरिफिकेशन के जरिए प्रक्रिया पूरी हो जाती है. इसी तरह भू-सत्यापन के लिए किसान को अपने राज्य के कृषि विभाग या CSC केंद्र पर जाकर जमीन से जुड़े दस्तावेज जमा करने होते हैं. यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि केवल वास्तविक किसान ही इस योजना का लाभ लें.