पर्यावरण की सुरक्षा की मांग समय के साथ-साथ बढ़ती ही जा रही है. ऐसे में सरकार भी पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए तरह-तरह के कदम उठा रही है. मौसम में बदलाव और कई तरह की समस्याओं की वजह से पर्यावरण की सुरक्षा कम होती जा रही है. ऐसे में हम सभी के लिए भी पर्यावरण संरक्षण एक बेहद संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में 5 जून 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस से शुरू हुआ अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ ने फिर रफ्तार पकड़ ली है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने आज यानी 29 अगस्त को ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का आयोजन किया.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जून 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वैश्विक अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ लॉन्च किया. वैश्विक अभियान के हिस्से के रूप में, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय कई तरह के प्रयास कर रहा है. इस अभियान के तहत सितंबर 2024 तक देश भर में 80 करोड़ पौधे और मार्च 2025 तक 140 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे.
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के रूप में, वृक्षारोपण कार्यक्रम आज आईएआरआई परिसर, पूसा, नई दिल्ली, आईसीएआर संस्थानों, सीएयू, केवीके और एसएयू के सभी अधीनस्थ कार्यालयों में किया गया. इस अभियान के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र उजवा, नई दिल्ली द्वारा के. वि. के. परिसर में पौधा रोपण किया गया. इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. डी. के. राणा और सभी विशेषज्ञ, सभी सहायक कर्मचारी सदस्य और प्रशिक्षुओं द्वारा पौध रोपण किया गया.
कृषि के विभिन्न कार्यों में पेड़ लगाना एक टिकाऊ खेती के लक्ष्य को हासिल करने में मददगार होता है. इसके अवाला, किसान पेड़, मिट्टी और पानी की गुणवत्ता में सुधार करके जैविक खेती को बढ़ावा देकर कृषि उत्पादकता में सुधार कर सकते हैं. किसानों के लिए पेड़ की लकड़ी से बने उत्पाद अतिरिक्त आय का स्रोत भी बनते हैं.