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Updated on: 4 April, 2023 4:30 PM IST
गेहूं के खरीद मानदंडों में ढील

भारत सरकार ने बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों से गेहूं की खरीद के मानदंडों में ढील देने की योजना बनाई है. इसका सबसे ज्यादा फायदा मध्य और उत्तरी राज्यों को होने वाला है. गेहूं बाजार में आ गया है, लेकिन हाल की बारिश के कारण कुछ जिलों में फसल की चमक फीकी पड़ गई है. खराब फसल के कारण पिछले साल खरीद 53% गिरकर 18.8 मिलियन टन रह गई थी.

अधिकारी ने कहा, " सरकार ने मध्य प्रदेश राज्य को 10% नुकसान के साथ भी गेहूं की खरीद करने की अनुमति दी है. यदि आवश्यक हुआ तो हम अन्य राज्यों और नमी जैसे अन्य मानकों पर भी विचार करेंगे.

पंजाब के बाद मध्य प्रदेश गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में 2022 में खरीदे गए कुल गेहूं का 98% से अधिक हिस्सा था.

एक व्यापारी ने कहा, पिछले कुछ दिनों में बारिश के कारण पंजाब और हरियाणा में भी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है और सरकार को इन राज्यों के खरीद नियमों में इसी तरह के बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. व्यापारी ने कहा कि कम चमक वाली फसल बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाली फसल के मुकाबले बड़े डिस्काउंट पर बेची जा रही है और सरकार की खरीद इस संकट की बिक्री को रोक लगा सकती है.

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एक अन्य सरकारी अधिकारी ने कहा कि राज्य द्वारा संचालित एजेंसियों ने 2 अप्रैल को किसानों से 260,000 टन गेहूं की खरीद की है, जो पिछले साल की तुलना में 46,000 टन अधिक है. सरकार समर्थित भारतीय खाद्य निगम दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य कल्याण कार्यक्रम को चलाने के लिए किसानों से राज्य-निर्धारित कीमतों पर गेहूं खरीदता ह

English Summary: Plan to ease procurement norms to replenish wheat stocks
Published on: 04 April 2023, 03:30 PM IST

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