आयुर्वेदिक दवाओं के महत्व को तो सभी जानते हैं. स्वयं भारत के प्रधानमंत्री ने भी हाल ही में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लोगों से यह अपील की है कि वे आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करे. आपको बता दें कि आयुष मंत्रालय के मुताबिक आयुर्वेद कोरोना से बचाव के लिए एक आसान और कारगर उपाय है. आयुर्वेद में कई ऐसी चीजें हैं जिनसे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है और ऐसा कहा गया है कि कोविड 19 को हराने के लिए हमें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता (IMMUNITY SYSTEM) को मजबूत बनाना बहुत जरूरी है. ऐसे में देखेते ही देखते लोगों में आयुर्वेदिक दवाओं के इस्तेमाल का क्रेज़-सा चढ़ गया है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवाओं की बढ़ी बिक्री
नॉएडा के कैमिस्ट रितेश अग्रवाल का कहना है, "कोरोना की वजह से लोग वो दवाएं ज्यादा खरीद रहे हैं, जिनसे इम्युनिटी सिस्टम (IMMUNE SYSTEM) बढ़ता है. इसमें शहद, गिलोय, विटामिन C की गोलियां, तुलसी, बाकी विटामिन, आयरन की गोलियां और बाकी देसी दवाएं हैं. जिनको कोई दिक्कत नहीं है, वो भी आकर ले जा रहे हैं." ऐसे में यह देखा जा सकता है कि आयुर्वेदिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं के बिजनेस में काफी बढ़ोतरी हुई है. लोग बिना किसी परेशानी के भी खरीददारी कर रहे हैं. इसकी वजह से इन आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री भी बढ़ी है.
कई लोग आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन को कर रहें फॉलो
आपको बता दें कि दवाओं को खरीदने वाले उन लोगों की संख्या ज्यादा है जो मोदी सरकार (PM Narendra Modi) को फॉलो करते हुए आयुष मंत्रालय (AYUSH MANTRALAYA) के दिशा-निर्देशों पर चल रहे हैं. मंत्रालय द्वारा बताये गए देसी उपचार में शामिल होने वाले तुलसी ड्राप, त्रिकटु चूर्ण काढ़ा, गिलोय टेबलेट आदि खरीद रहे हैं. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि कोविड 19 का खतरा खत्म होने के बाद भी लोगों का आयुर्वेद और आयुर्वेदिक इलाज पर भरोसा बना रहेगा.