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Updated on: 6 March, 2020 11:44 AM IST

किसानों की आय (Farmers' Income) बढ़ाने के लिए नवीनतम और उन्नत तकनीकों का सबसे बड़ा योगदान है. और अब किसान भी जैविक खेती ही की ओर अपना रुझान व्यक्त कर रहें है. जैविक खेती से किसानों के लिए आमदनी के नए आयाम खुल रहे हैं. इस क्रम में पतंजलि बायो रिसर्च (Patanjali Bio Research) अब किसानों में  जैविक और आधुनिक खेती को बढ़ावा देगी. इसके अलावा किसानों को उन्नत किस्म के बीज भी उपलब्ध कराने का काम भी पतजंलि द्वारा किया जाएगा.

किसानों को बीज मुहैया कराएगी पतंजलि

योगगुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की पतंजलि आयुर्वेदिक, औषधि और उपभोक्ता वस्तुओं के कारोबार में अपना परचम लहराने के बाद अब किसानों को उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध करवाकर कृषि क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ेगी. इसी क्रम में पतंजलि बायो रिसर्च इंस्टीट्यूट (PBRI) ने देश की शीर्ष अनुसंधान संगठन राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) के साथ एक समझौता किया है.

पतंजलि ने आईसीएआर से किया एमओयू

 पतंजलि आयुर्वेद के अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण और आईसीएआर (ICAR) के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. इस मौके पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और आईसीएआर के अंतर्गत आने वाले भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के अधिकारी मौजूद थे.

कृषि मंत्री ने की सराहना

जैविक कृषि में पतंजलि के कार्यों की सराहना करते हुए कृषि मंत्री ने कहा, "आईसीएआर और पतंजलि के बीच इस समझौते से एक दूसरे के सहयोग से आम किसानों के हित में काम करेंगे और आईसीएआर के अनुसंधान का आम किसानों को लाभ मिलेगा." उन्होंने कहा कि पतंजलि के सहयोग से जैविक खेती का देशभर में प्रसार होगा. तो वहीं, आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के साथ पतंजलि रिसर्च का आज एक एमओयू हुआ है, जिससे कृषि के क्षेत्र में एक नया आयाम जुड़ेगा. पतंजलि रिसर्च ने थोड़े ही कार्यकाल में पांच से अधिक रिसर्च पेटेंट किए हैं. हम पूरी दुनिया में कृषि उत्पादों को पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं. तो वहीं, आईसीएआर के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा ने कहा कि पतंजलि के साथ जितने किसान पहले से जुड़े हुए हैं, उनके पास अगर हमारी प्रौद्योगिकी की जानकारी जाएगी तो प्रौद्योगिकी का प्रसार होगा और किसानों को लाभ होगा, साथ ही विशेषज्ञों के क्षमता निर्माण की दिशा में भी मदद मिलेगी. महापात्रा ने बताया कि पतंजलि के साथ समझौते से जैविक खेती का प्रसार होगा.

English Summary: Patanjali agreement with ICAR: Apart from promoting organic farming, Patanjali will now provide improved varieties of seeds to farmers, agreement with ICAR
Published on: 06 March 2020, 11:50 AM IST

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