सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 9 November, 2023 12:26 PM IST
धान की खरीद. (Image Source: Freepik)

हरियाणा में करनाल जिले की अनाज मंडियों में दूसरे राज्यों से परमल धान की किस्मों के आने की आशंका के वजह से प्रशासन ने ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से परमल किस्मों की खरीद रोक दी है, जिस वजह से जिन किसानों का परमल धान अभी भी खेतों में पड़ा हुआ है, वे मुश्किल में फंस गए हैं. ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन का यह कदम उन्हें निजी खरीदारों को औने-पौने दामों पर अपनी फसल बेचने के लिए मजबूर कर सकता है, जबकि अधिकारियों ने दावा किया कि जिले में कटाई पूरी हो चुकी है और उन्हें संदेह है कि जिले की अनाज मंडियों में कुछ व्यापारी दूसरे राज्यों से धान ला सकते हैं और एमएसपी पर बेच सकते हैं.

वहीं, किसानों की मांग है कि धान की फसल खेतों में पड़ी है या नहीं, इसकी जांच कर अधिकारी धान की खरीद शुरू करें. रिपोर्ट के अनुसार, परमल धान (एमएसपी 2,203 रुपये प्रति क्विंटल) का पंजीकरण अब ई-खरीद के बजाय ई-एनएएम पोर्टल पर किया जा रहा है. सरकारी एजेंसियों के बजाय, उनकी उपज अब निजी खरीदारों द्वारा खरीदी जा रही है.

97 लाख क्विंटल परमल धान की आवक

करनाल जिले में अब तक करीब 97 लाख क्विंटल परमल धान की आवक हो चुकी है. वहीं, पिछले साल आवक करीब 107 लाख क्विंटल थी. जरीफाबाद के पुनीत गोयल ने कहा, “बाढ़ के बाद, मैंने नौ एकड़ में परमल किस्म के धान की खेती की थी. अब फसल कटाई के समय मुझे पता चला कि खरीद बंद कर दी गयी है. सरकार को धरातल पर आकर देखना चाहिए और जो धान अभी भी खेतों में है, उसे खरीदना चाहिए.” एक अन्य किसान निरवेर सिंह ने कहा कि आठ एकड़ में परमल किस्म के धान की कटाई अभी बाकी है. उन्होंने आरोप लगाया कि निजी खरीदार एमएसपी से नीचे उपज खरीदेंगे.

एमएसपी से नीचे नहीं खरीदा जाएगा धान!

रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि व्यापारियों को राज्य के बाहर से धान लाने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. " हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी धान एमएसपी से नीचे न खरीदा जाए. इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं.” उन्होंने कहा, ''जिले भर के खेतों में शायद ही परमल की कोई फसल खड़ी है."

अब e-NAM पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें

गौरतलब है कि परमल धान बेचने के लिए अब किसानों को पंजीकरण अब ई-खरीद पोर्टल के बजाय ई-नाम पोर्टल पर करना पड़ रहा है. वहीं, सरकारी एजेंसियों के बजाय, उपज अब निजी खरीदारों द्वारा खरीदी जा रही है.

English Summary: Parmal paddy is not procured through e-procurement in Karnal district of Haryana agriculture news
Published on: 09 November 2023, 12:27 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now