भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में पंचवर्षीय समीक्षा टीम (क्यूआरटी) की चौथी बैठक 24-26 जून, 2024 को आयोजित की गई. बैठक का उद्देश्य वर्ष 2018 से 2023 तक संस्थान द्वारा किये गए कार्यों का मूल्यांकन करना तथा इसके विकास के लिए भविष्य की रणनीतियों पर सुझाव देना था.
बैठक की अध्यक्षता प्रो. एस. के. चक्रवर्ती, पूर्व कुलपति, यू.बी.के.वी., कूचबिहार एवं पूर्व निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला ने की, जिसमें डॉ. ए. के. पात्रा, एमेरिटस वैज्ञानिक एवं पूर्व निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल; डॉ. एस. रायजादा, पूर्व सहायक महानिदेशक (मात्स्यिकी), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली; डॉ. अंजनी कुमार, वरिष्ठ अनुसंधान फेलो, आईएफपीआरआई, नई दिल्ली और डॉ. चंद्रहास, अधिष्ठाता, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, किशनगंज टीम के सदस्य के रूप में उपस्थित थे.
संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने संस्थान की प्रगतिशील गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. क्यूआरटी के सदस्य सचिव डॉ. कमल शर्मा ने कार्यक्रम का समन्वय किया. टीम ने प्रयोगशालाओं और प्रक्षेत्रों का भ्रमण किया तथा संस्थान की उपलब्धियों की समीक्षा की और इसकी वर्तमान और भविष्य की योजनाओं पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए.
समीक्षा टीम ने कृषि प्रणाली मॉड्यूल, किस्मों, देशी नस्लों के पंजीकरण, जलवायु अनुकूल पद्धतियों और बेहतर प्रौद्योगिकियों के विकास में संस्थान के अनुसंधान और प्रसार कार्यों की प्रशंसा की. टीम ने संस्थान के अनुसंधान, प्रसार और शैक्षणिक गतिविधियों को मजबूत करने के लिए आधारभूत संरचनाओं और सुविधाओं में पर्याप्त सुधार की अनुशंसा की. सदस्यों ने संस्थान के वैज्ञानिक, तकनीकी और प्रशासनिक कर्मियों से वार्तालाप किया और उन्हें संस्थान, कृषक समुदाय और राष्ट्र की सेवा में अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रेरित किया. इसके अतिरिक्त, टीम ने 25 जून, 2024 को भा.कृ.अनु.प. राष्ट्रीय मखाना केंद्र, दरभंगा का भ्रमण किया, तथा उनके कार्यों का मूल्यांकन किया एवं आवश्यक अनुशंसाएं की.