सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 10 February, 2018 12:00 AM IST
Pad Girl

आजकल बॉलीवुड के खिलाडी यानी अक्षय कुमार की फिल्म ‘पैडमैन’ काफी चर्चा में है, जिसको दर्शको द्वारा काफी सराहना मिल रही है. उनकी यह फिल्म सैनिटरी पैड बनाकर क्रांति लाने वाले अरुणाचलम मुरुगनाथम के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने ग्रामीण महिलाओं के लिए सस्ते नैपकिन बनाने में अपनी पूरी जिंदगी लगा दी. इस फिल्म में जरिए अरुणाचलम मुरूगनाथम के नाम को इस समाज के सामने लाने का एक मौका मिला. इस समाज में न जाने कितने और लोग अरुणाचलम की तरह समाज की सेवा कर रहे हैं जा इसका जज्बा रखते हैं.

लेकिन वो भी गुमनामी में रह जाते हैं. अरुणाचलम ने एक पुरुष होते हुए महिलाओं के जीवन में क्रांति लाने का काम किया. उन्ही की तरह गुजरात की दो लडकिया भी इस समाज में बदलाव लाने का जज्बा रखती है. इन दोनों लड़कियों ने ऐसे पैड का निर्माण किया है गुजरात के मेहसाणा जिले की इन दोनो  का नाम है राजवी पटेल और धर्मी पटेल. इन लड़कियों ने भी सस्ते और इको फ्रेंडली पैड के मॉडल पेश किए हैं. इन पैड्स की खास बात यह है कि इन्हें पूरी तरह से जैविक तरीके से तैयार किया गया है. यानी कि ये स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के काफी अनुकूल हैं.

राजवी और धर्मी मेहसाणा के आनंद निकेतन स्कूल की नौवीं कक्षा में पढ़ती हैं. इन दोनों ने स्कूल लेवल और राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में अपने इस मॉडल को पेश किया है. जहाँ पर इस प्रॉजेक्ट और इनकी सोच की काफी तारीफ हुई. अब इस मॉडल को राष्ट्रीय स्तर की विज्ञान प्रदर्शनी में दिखाने के लिए दिल्ली ले जाया जाएगा. हालांकि अभी इसकी टेस्टिंग भी की जा रही है. जिसके लिए इसे एक अस्पताल के स्त्री रोग विभाग में दे दिया गया है. वहां पर इस बात की जांच की जाएगी कि यह स्त्रियों के इस्तेमाल के लिए उचित है या नहीं.

इसके अभी सिर्फ 15 सैंपल अस्पताल को दिए गए हैं. धर्मि और राजवी को स्कूल की तरफ से पूरा सपोर्ट मिल रहा है. इन दोनों छात्राओं ने इस प्रोजेक्ट पर काफी रिसर्च किया है. हालांकि यह प्रोजेक्ट ये छात्राए अपने शिक्षको के मार्गदर्शन में कर रही हैं. इसके लिए उन्होंने वड़ोदरा की एक एजेंसी से संपर्क कर केले के खराब हो चुके तने से रेशे निकाला गया. उन रेशों से ये पैड तैयार किए गए.

इस पेड को ट्रायल के लिए महेसाणा के सिविल हॉस्पिटल में दे दिया गया है. स्कूल इन पैड्स को बड़े पैमाने पर प्रॉडक्शन करने की तैयारी में है. चूँकि इस पैड को केले के तने से रेशे निकालकर बनाया जाता है. इस वजह से यह पर्यावरण के लिए काफी अच्छा है और महिलाओं के लिए अनुकूल भी है.इसकी कीमत भी कोई ज्यादा नहीं है, इसलिए इसको गरीब महिलाए आसानी से खरीद सकेगी. इसकी कीमत 5 रुपए तक हो सकती है. यह कक्षा 9 की दो छात्राओ की मेहनत है, जो छोटी सी उम्र में समाज में इस तरीके के बड़े बदलाव लाने का साहस रखती है. जरुरत है तो इस तरीके के प्रयासों की सपोर्ट करने की.

English Summary: Padgirl
Published on: 10 February 2018, 05:57 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now