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Updated on: 30 June, 2022 12:20 PM IST
मंत्रिमंडलीय समिति ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के कम्प्यूटरीकरण को मंजूरी दे दी है. इसका उद्देश्य पैक्स की दक्षता बढ़ाना, संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना, व्यवसाय में विविधता लाने और कई गतिविधियों व सेवाओं को शुरू करने की सुविधा प्रदान करेगा.

करोड़ों किसानों को मिलेगी PACS से मदद

नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के कम्प्यूटरीकरण पर कैबिनेट के फैसले से करोड़ों किसानों, विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों को लाभ होगा. यह पारदर्शिता को भी बढ़ाएगा और बेहतर सेवा वितरण को बढ़ावा देगा.

इस परियोजना में 5 वर्षों की अवधि में लगभग 63,000 कार्यात्मक पैक्स के कम्प्यूटरीकरण का प्रस्ताव है जिसका टोटल बजट 2516 करोड़ रुपए है जिसमें भारत सरकार 1528 करोड़ रुपए शेयर करेगी.

कैसे काम करता है PACS

प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियां (PACS) देश में त्रि-स्तरीय अल्पकालिक सहकारी ऋण (STCC) के निम्नतम स्तर का गठन करती हैं, जिसमें लगभग 13 करोड़ किसान शामिल हैं. यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है.

देश में सभी संस्थाओं द्वारा दिए गए KCC ऋणों में PACS का हिस्सा 41% (3.01 करोड़ किसान) है और PACS के माध्यम से इन KCC ऋणों में से 95% (2.95 करोड़ किसान) छोटे और सीमांत किसानों के लिए हैं.

राज्य सहकारी बैंकों (एसटीसीबी) और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) को पहले ही नाबार्ड द्वारा स्वचालित कर दिया गया है और आम बैंकिंग सॉफ्टवेयर (सीबीएस) पर लाया गया है.

हालांकि, अधिकांश पैक्स को अब तक कम्प्यूटरीकृत नहीं किया गया है और अभी भी मैन्युअल रूप से कार्य कर रहा है. कुछ राज्यों में PACS का स्टैंड-अलोन और आंशिक कम्प्यूटरीकरण किया गया है. इसी के चलते गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में पूरे देश में सभी पैक्स को कम्प्यूटरीकृत करने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक साझा मंच पर लाने और एक सामान्य लेखा प्रणाली (सीएएस) का प्रस्ताव किया गया है.

PACS कैसे करेगा किसानों की मदद

पैक्स का कम्प्यूटरीकरण, वित्तीय समावेशन के उद्देश्य को पूरा करने और किसानों विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों (SMF) को सेवा वितरण को मजबूत करने के अलावा विभिन्न सेवाओं और उर्वरक, बीज आदि जैसे इनपुट के प्रावधान के लिए नोडल सेवा वितरण बिंदु बन जाएगा.

ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटलीकरण में सुधार के अलावा बैंकिंग गतिविधियों के साथ-साथ गैर-बैंकिंग गतिविधियों के आउटलेट के रूप में पैक्स की पहुंच में सुधार करना इसका लक्ष्य है.

इस परियोजना में साइबर सुरक्षा और डेटा स्टोरेज के साथ क्लाउड आधारित सामान्य सॉफ्टवेयर का विकास किया गया है. इसके अतिरिक्त, केंद्र और राज्य स्तर पर परियोजना प्रबंधन इकाइयां (PMU) स्थापित की जाएंगी और लगभग 200 पैक्स के क्लस्टर में जिला स्तरीय सहायता भी प्रदान की जाएगी.

English Summary: pacs farmer, benefit from PACS scheme, pacs agriculture
Published on: 30 June 2022, 12:21 PM IST

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