निर्यात पर रोक लगाने और घरेलू बाजार में प्याज की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के प्रयास में, केंद्र सरकार ने इस सप्ताह के अंत में प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 800 डॉलर प्रति मीट्रिक टन कर दिया है. दरअसल, भारत सरकार ने बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने और घरेलू बाजारों में सब्जी की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास में 31 दिसंबर तक प्याज पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाया है. यह 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क के व्यापारियों को देश से बाहर प्याज भेजने से रोकने में विफल रहने के बाद आया है. हालांकि, प्याज फिर भी गृहणियों की आंखों में आंसू ला रहा है क्योंकि सप्लाई कम होने के कारण कीमतें बढ़ गई हैं. 10 अक्टूबर से कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के कारण रविवार को जयपुर के खुदरा बाजार में प्याज 60 रुपये से 75 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच बिका. जयपुर की मुहाना मंडी के व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में कीमतें और बढ़ेंगी. बढ़ती मांग और कम सप्लाई के कारण नवंबर के दूसरे सप्ताह तक कीमतें उच्च स्तर पर रहने की संभावना है, जब तक कि ताजा स्टॉक आना शुरू नहीं हो जाता.
जबकि, बेंगलुरु में रविवार को थोक कीमतें 70 रुपये प्रति किलोग्राम रहीं, जो पिछले हफ्ते 50 रुपये थीं. वहीं, सप्लाई कम होने की वजह से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें बढ़कर 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं. दिल्ली-एनसीआर में लगभग 400 'सफल' खुदरा स्टोर का संचालन करने वाली मदर डेयरी 67 रुपये प्रति किलोग्राम पर प्याज बेच रही है. वहीं ई-कॉमर्स पोर्टल बिगबास्केट 67 रुपये प्रति किलो की दर से, जबकि ओटिपी 70 रुपये प्रति किलो की दर पर प्याज की बिक्री कर रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं क्यों बढ़ रही हैं प्याज की कीमतें?
क्यों बढ़ रही हैं प्याज की कीमतें?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों के अनुसार, प्याज की बढ़ती कीमतों का मुख्य कारण जमाखोरी है, जिससे सप्लाई में कमी और कीमतें बढ़ी हैं. पंजाब में लुधियाना की नई सब्जी मंडी के अध्यक्ष रिशु अरोड़ा ने को बताया, "इस प्याज की कीमतों में भारी उछाल के पीछे मुख्य कारण यह है कि लोग बाजार में प्याज का भंडारण कर रहे हैं, जिससे कमी हो रही है और कीमतें बढ़ रही हैं. अगर इसे नियंत्रित करने के लिए कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले महीनों में कीमतें 120-150 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती हैं.”
सरकार से प्याज की कीमत कम करने का अनुरोध
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में एक खरीदार ने शिकायत की कि प्याज की कीमतें "काफी अधिक" बढ़ गई हैं. खरीदार ने कहा कि जहां पहले कीमत 80 रुपये प्रति किलोग्राम थी, वह जल्द ही 150 रुपये से अधिक हो सकती है और खरीदार ने सरकार से कीमतें कम करने का आग्रह किया.
सरकार 25 रुपये किलो बेच रही है प्याज
गौरतलब है कि जैसे ही अखिल भारतीय औसत खुदरा प्याज की कीमत 57% बढ़कर 47 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए शुक्रवार को खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बफर स्टॉक से प्याज बेचने का फैसला किया.
कांग्रेस नेता ने पहना प्याज की माला
वहीं, प्याज की बढ़ती कीमतों ने राजनीतिक रंग ले लिया है. दरअसल, कांग्रेस नेता रागिनी नायक ने रविवार को प्याज की बढ़ती कीमतों को उजागर करने के लिए प्याज की माला पहनी और प्याज की बढ़ती कीमतों के कारण होने वाली परेशानी के लिए केंद्र और मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों सरकारों की आलोचना की.
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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "प्याज की कीमत 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है. कुछ दिन पहले टमाटर की कीमत 200- 250 रुपये प्रति किलोग्राम थी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हमें बताना चाहिए कि प्याज की कीमत लोगों को परेशान क्यों कर रही है."