Onion Price Today: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्याज की खुदरा कीमतें 25-50 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं; यह वर्तमान में गुणवत्ता के आधार पर 50-70 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है. यहां तक कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की सहायक कंपनी मदर डेयरी ने भी अपने खुदरा दुकानों पर कीमतें बढ़ा दी हैं. वहीं कीमतों में बढ़ोतरी 10 दिवसीय नवरात्र उत्सव के अंत में हुई है, जिसमें मंगलवार को दशहरा मनाया गया. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा, उत्तर प्रदेश में एक आवासीय सोसायटी में दुकान के मालिक कपिल त्यागी ने कहा, "तीन दिन पहले तक कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम थी, लेकिन अब मैं 50 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेच रहा हूं, जबकि मदर डेयरी के सफल आउटलेट के साथ-साथ अन्य बाजारों में भी कीमत अधिक है."
उन्होंने कहा कि स्थानीय मंडी में कीमतें बढ़ गई हैं, लेकिन उनका पुराना स्टॉक होने के कारण वह कम दर पर बेच रहे हैं.
प्याज की कीमत 70 रुपये किलो
सेक्टर 135 के एक विक्रेता, सुधीर कुमार ने कहा कि प्याज की कीमतें सोमवार को 40 रुपये प्रति किलोग्राम थीं, जो मंगलवार को बढ़कर 50 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं और बुधवार को उसी स्तर पर थीं. नोएडा के खुदरा बाजार में, निम्न गुणवत्ता वाले प्याज की कीमत 50 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि मध्यम किस्म की कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम और बेहतर गुणवत्ता वाले प्याज की कीमत 70 रुपये प्रति किलोग्राम आंकी गई थी.
मदर डेयरी बेच रही 60 रुपये किलो प्याज
दूसरी ओर, मदर डेयरी ने नोएडा में प्याज की कीमत मंगलवार को 49 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 56 रुपये प्रति किलोग्राम, 20 अक्टूबर को 45 रुपये प्रति किलोग्राम और नवरात्रि त्योहार शुरू होने से पहले 42 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी थी. वहीं दिल्ली में मदर डेयरी 60 रुपये किलो प्याज बेच रही थी.
कमजोर मांग ने कीमतों में बढ़ोतरी को रोका
अनियन एक्सपर्ट आर.के गुप्ता के अनुसार, “कुल मिलाकर, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नवरात्रि उत्सव से पहले कीमत लगभग 40 रुपये प्रति किलोग्राम थी, और अब 60 रुपये प्रति किलोग्राम है. नवरात्रि के दौरान कमजोर मांग ने कीमतों में बढ़ोतरी को रोक दिया है. दो महीने पहले महाराष्ट्र के उत्पादक क्षेत्र में कीमतें ऊंची चल रही थीं, जब सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए निर्यात शुल्क लगाया था.”
महाराष्ट्र में प्याज का रकबा 36 प्रतिशत कम
ख़रीफ़ में उगाया जाने वाला प्याज, जिसकी कटाई आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर में की जाती है, इस साल सितंबर के मध्य से आना शुरू हो गया. महाराष्ट्र में बुआई क्षेत्र 36 प्रतिशत घटकर लगभग 58,000 हेक्टेयर रह जाने के कारण कीमतें बढ़ने लगीं. विशेषज्ञों का कहना है कि केवल देर से आने वाली खरीफ फसल, जिसके नवंबर के आखिरी सप्ताह में आने की उम्मीद है, जो उपलब्धता को बढ़ावा दे सकती है.
ये भी पढ़ें: प्याज की इस बेहतरीन किस्म से किसानों को मिलेगी प्रति एकड़ 120 क्विंटल पैदावार
दिल्ली में प्याज की सप्लाई कम डिमांड ज्यादा
मदर डेयरी के एक प्रवक्ता ने कीमतों में अचानक उछाल पर एक सवाल के जवाब में कहा, “नवरात्रि के बाद प्याज की मांग में वृद्धि देखी जा रही है, जबकि दिल्ली में सप्लाई/आवक कम है. ताज़ा ख़रीफ़ फसल आने में देरी हो रही है और पिछले पखवाड़े में भंडारित प्याज की आमद में भारी गिरावट आई है, जिससे डिमांड सप्लाई का अंतर बढ़ गया है और उपभोक्ता कीमतें बढ़ गई हैं. हालांकि, हम स्थानीय खुदरा बाजारों की तुलना में उचित कीमतों पर प्याज की सप्लाई करने के लिए प्रयास कर रहे हैं.”