Onion Export: प्याज किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर है. केंद्र सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट को हरी झंडी दिखा दी है. जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. दरअसल, बीते कुछ सालों से प्याज किसानों की परेशानियां कुछ ज्यादा ही बढ़ हुई हैं. 2022 में प्याज की कीमतो में गिरावट के बार किसानों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई थी. हालात ये थे की किसानों को अपना प्याज 1 से 2 रुपये किलो तक में बेचने को मजबूर होना पड़ा था. 2023 के मध्य तक हालात ऐसे ही थे. प्याज की कम कीमत के चलते किसान लागत तक नहीं वसूल पा रहे थे. हालांकि, अगस्त 2023 में प्याज की कीमतों में सुधार देखने को मिला और भाव तेजी से बढ़े. लेकिन, बढ़ती कीमतों को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार ने 8 दिसंबर 2023 को प्याज के नियमित आयात पर 40 प्रतिशत की इम्पोर्ट ड्यूटी लगा दी थी. जब इससे भी बात नहीं बनी, तो सरकार को मजबूरन कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्याज के निर्यात पर बैन लगाना पड़ा था. जो 31 मार्च तक जारी रहेगा.
प्याज की निर्यात पर बैन लगने के बाद, महाराष्ट्र की मंडियों में प्याज का थोक मूल्य 4000 रुपये प्रति क्विंटल से 800 से 1000 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गया था. इस कारण से किसानों की परेशानियां और बढ़ गई थीं. क्योंकि, प्याज को खराब होने से बचाने के लिए किसानों को लागत से कम दाम पर प्याज बेचने पर मजबूर होना पड़ा था. लेकिन, लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने एक बार फिर प्याज निर्यात को हरी झंडी दिखा दी गई है. आइए आपको बताते हैं की आखिर सरकार का ये निर्णय है क्या और इससे किसानों को कैसे फायदा होगा.
प्याज एक्सपोर्ट को केंद्र की हरी झंडी
बता दें कि प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने के 85 दिन बाद, केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट को हरी झंडी दिखाई है. सरकार ने सशर्त प्याज एक्सपोर्ट को मंजूरी दी है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई है. जिसके मुताबिक, भारत से संयुक्त अरब अमीरात और बांग्लादेश को प्याज एक्सपोर्ट किया जाएगा. दोनों देशों को एक कुल मिलाकर 64,400 टन प्याज एक्सपोर्ट किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भूटान, मारीशस, और बहरीन जैसे देशों में भी प्याज एक्सपोर्ट को मंजूरी मिली है. इन देशों में लगभग 4700 टन प्याज भारत से एक्सपोर्ट किया जाएगा.
किसानों को कैसे मिलेगा लाभ?
आपको बता दें कि प्याज निर्यात नेशनल कोऑपरेटिव एक्स्पोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) के द्वारा किया जाएगा. NCEL कूटनीतिक मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में काम करता है, इससे स्पष्ट है कि प्याज निर्यात भारत सरकार के द्वारा किया जाएगा. वहीं, जब इस संबंध में नेफेड के निदेशक अशोक ठाकुर से बात की गई और उनसे पूछा गया की किसानों को प्याज एक्सपोर्ट के फैसले से कितना फायदा होगा? तो उन्होंने बताया अगर सरकार एक्सपोर्ट के लिए व्यापारियों से भी प्याज खरीदती है तो इसका सीधा फायदा किसानों को होगा. उन्होंने कहा कि अभी कई किसानों के एफपीओ ने प्याज भंडारण किया है. उनके पास प्याज का स्टॉक होगा.अगर अगर इतनी बड़ी मात्रा में प्याज एक्सपोर्ट की जानकारी बाजार में पहुंचती है तो भाव में बढ़ोतरी होगी. जिन्होंने किसानों के स्टॉक में प्याज होगा, तो उन्हें बेहतर दाम मिलेगा.
वहीं, जब नासिक मंडी के व्यापारी, प्याज एक्सपोर्टर और हार्टिकल्चर प्रोड्यूसर एक्सपोर्ट एसोसिएशन के सदस्य मनोज जैन ने बात की गई तो उन्होंने बताया कि पिछले दिनों प्याज एक्सपोर्ट को लेकर विभाग और एसोसिएशन की बैठक हुई थी. जिसमें स्पष्ट हो गया था कि मांग के आधार पर स्वीकृति दी जाएगी और सबसे उच्च मान बोली को स्वीकार किया जाएगा. जिसका साफ तौर पर ये मतलब है की विभाग एक व्यापारी की तरह प्याज एक्सपोर्ट करेगी. उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों से प्याज की कीमतों में फिर तेजी देखने को मिल रही है. उन्होंने इसकी वजह बताते हुए का कि मंडियों में प्याज की आवक कम हुई है. कई क्षेत्रों में बारिश और ओलावृष्टि से प्याज की फसल को नुकसान पहुंचा है. जिससे किमतों में तेजी बनी हुई है.