लेमन ग्रास/ नींबू घास को एक बेहतरीन औषधीय पौधा माना जाता है. यह औषधीय पौधा सुगंधित भी होता है. झारखंड में इन दिनों लेमन ग्रास की खेती बड़े स्तर पर की जा रही है. ग्रामीण इलाकों में लोग इसकी खेती बड़े स्तर पर कर रहे हैं. यहां इसकी खेती में एक खास बात यह है कि इसकी खेती सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि महिलाएं भई बड़े स्तर पर कर रही हैं. यहां कई प्रखंड की लगभग 12,500 ग्रामीण महिलाएं लेमन ग्रास की खेती से जुड़ी हुई हैं. इसकी खेती लगभग 4 महीने में तैयार हो जाती है और इसकी मांग भी काफई ज्यादा है. इसकी पत्तियों और उससे निकलने वाले तेल से कई सामानों का निर्माण किया जाता है. लेमन ग्रास में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी एवं एंटी-फंगल गुण होने के कारण इसका उपयोग कई तरह की वस्तुओं जैसे मेडसिन, कॉस्मेटिक, डिटरजेंट में भी किया जाता है. इसके तेल की कीमत बाजार में 2 हजार से 4 हजार रुपए होने के कारण किसान इससे अच्छा लाभ कमाते हैं.
महिलाओं को हो रहा है काफी लाभ
लेमन ग्रास की खेती से महिलाएं काफी लाभ ले रही हैं और साथ-साथ वो आत्मनिर्भर बनकर अन्य महिलाओं को प्रेरित भी कर रही हैं. इन महिलाओं को खेती में हो रहे लाभ की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में भी किया. गुमला के बिशुनपुर प्रखंड की महिलाएं लेमन ग्रास की खेती कर रही हैं. राज्य के लगभग पांच जिलों के 10 प्रखंडों में लेमन ग्रास की खेती की जा रही है.
लेमन ग्रास के कई लाभ हैं
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लेमन ग्रास का उपयोग कई प्रकार के फायदे के लिए किया जाता है-
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इसकी पत्तियों को सूखा कर चाय में उपयोग किया जाता है.
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इसकी पत्तियों को सूखा कर तेल निकाल कर मेडिसिन, साबुन, फिनाइल, फ्लोर क्लिनर, अगरबत्ती, कॉस्मेटिक आदि वस्तुओं के निर्माण में उपयोग किया जाता है.
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इसकी पत्तियों का प्रयोग को कई प्रकार के दवाइयों में किया जाता है क्योंकि यह कई बीमारियों के संक्रमण से बचाता है.
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इसकी खुशबू नींबू की तरह होती है क्योंकि इसमें लगभग 75 फीसदी सिट्रल पाया जाता है.
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इसमें विटामिन और मिनरल होने के कारण यह इम्यून सिस्टम को भी बढ़ाता है.
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जिस व्यक्ति को आयरन की कमी है उनके लिए इसका सेवन लाभकारी है.
पौध तैयार होने में लगता है 4 महीने
इसके पौधों को तैयार होने में लगभग 4 महीने का समय लगता है. इसके बाद इसे हर 3-3 महीने में उपयोग में लाया जाता है. इसकी खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा है. अगर एक एकड़ में इसकी खेती की बात करें तो लगभग 24 हजार रुपए का खर्च आता है. वहीं चार महीने के बाद जब यह तैयार हो जाता है तो इसकी कीमत लगभग 90 हजार रुपए हो जाती है इस तरह से 60 हजार रुपए का लाभ एक एकड़ की खेती से होता है.
इससे निकलने वाले तेल की अगर बात करें तो 5000 किलोग्राम लेमन ग्रास के डंठल से करीब 80 किलोग्राम तक तेल निकल जाता है. इसके तेल को अच्छे से पैक करके लगभग 3 से 4 हजार रुपए प्रति किलोग्राम में बेचा जाता है. साथ ही इसकी पत्तियां भी काफी महंगे दरों पर बीकती है.