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Updated on: 15 January, 2024 6:29 PM IST
केजे चौपाल में शामिल हुए Nutrition Man of India बसंत कुमार कार

कृषि जागरण आए दिन केजे चौपाल का आयोजन करता रहता है, जिसमें कृषि क्षेत्र से जुड़े कई बड़े अधिकारी व राजनेता भाग लेते हैं. इसी कड़ी में आज केजे चौपाल में Nutrition Man of India बसंत कुमार कार शामिल हुए. इस दौरान बसंत कुमार कार ने  और कुपोषण के खतरे पर प्रकाश डाला. जैसे ही सत्र शुरू हुआ, बसंत कुमार ने कुपोषण की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका और आवश्यक कृषि परिवर्तनों के बारे में जानकारी साझा की.

इसके अलावा बसंत कुमार कार ने कृषि जागरण के द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी सराहना की. ऐसे में आइए जानते हैं कि आज के केजे चौपाल में क्या कुछ खास रहा-

कृषि में पोषण का महत्व

बसंत कुमार ने अपने संबोधन के दौरान कृषि और पोषण के बीच संबंध की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक पृष्ठभूमि से न होने के बावजूद, पोषण को घरेलू नाम बनाने की उनकी प्रतिबद्धता स्पष्ट थी. कर ने पारंपरिक प्रथाओं में एक आदर्श बदलाव को चिह्नित करते हुए, पोषण की प्रभावी डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कृषि नवाचार की आवश्यकता पर जोर दिया. साथ ही उन्होंने पोषण माह, एनीमिया मुक्त भारत और ईट राइट अभियान जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से इसके बाद के प्रवर्धन पर प्रकाश डाला. वैश्विक प्रयासों के अनुरूप, 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया जाना भारत में कुपोषण से निपटने में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा गया.

कृषि और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी

बसंत कुमार ने केजे चौपाल में चौंकाने वाले आंकड़े प्रस्तुत किए, जिससे पता चला कि भारत में लगभग 89% बच्चे अपर्याप्त पोषण से पीड़ित हैं, जिसका मूल कारण कृषि क्षेत्र है. उन्होंने प्रोटीन युक्त उत्पादन और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी के प्रचलित मुद्दे को संबोधित करने की दिशा में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया. पोषण-संवेदनशील कृषि की वकालत करते हुए, उन्होंने उद्योग से टिकाऊ और जलवायु-स्मार्ट पोषण-आधारित कृषि क्षेत्र में नवाचार करने का आग्रह किया.

Nutrition Man of India बसंत कुमार कार

इसके अलावा उन्होंने भारत और जर्मनी के बीच समानताएं दर्शाते हुए, कार ने कृषि और पोषण मंत्रालयों के बीच एक सामंजस्यपूर्ण दृष्टिकोण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. इसी के साथ उन्होंने बंगाल के अकाल पर अंतर्दृष्टि साझा की, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि कैसे अज्ञात कीटों के प्रकोप और निर्यात में कमी के कारण कृषि आपदा हुई. इन पाठों ने उभरती चुनौतियों के सामने सक्रिय उपायों के महत्व को रेखांकित किया.

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Nutrition Man of India बसंत कुमार कार और कृषि जागरण टीम

बसंत कुमार ने आगे कहा कि कुपोषण COVID-19 से भी अधिक घातक है. उन्होंने एक मजबूत पीपीई किट के समान एक मजबूत सुरक्षा कवच के रूप में उचित पोषण के महत्व को रेखांकित किया. 

केजे चौपाल में Nutrition Man of India बसंत कुमार कार

कर के अनुसार, उचित पोषण न केवल व्यक्तियों की सुरक्षा करता है बल्कि उन्हें बंधुआ मजदूरी जैसे सामाजिक अन्याय से भी दूर रखता है. यह गहन परिप्रेक्ष्य पारंपरिक धारणाओं को चुनौती देता है, जोकि कुपोषण को दूर करने के लिए एक समग्र राष्ट्रीय दृष्टिकोण की तात्कालिकता पर जोर देता है.

English Summary: Nutrition Man of India Basant Kumar kar joins KJ Chaupal Malnutrition threat to India innovations in agriculture
Published on: 15 January 2024, 06:39 PM IST

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