लोग जितनी तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं. उतनी ही तेजी से इन वाहनों में आग लगने की घटनाएं भी सामने आने लगी हैं. जिससे लोग अब इन वाहनों को खरीदने में कतराने लगे हैं. जो लोग इन्हें खरीदते हैं, वह अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता में रहते हैं.
लोगों के चेहरों पर इस परेशानी को दूर करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने बैटरी सुरक्षा मानकों (Battery Safety Standard) में एक्स्ट्रा सेफ्टी प्रोविजन को लागू करने जा रही है. आपको बता दे कि सेफ्टी का मानक 1 अक्टूबर 2022 से लागू होगा. सरकार की इस मानक से लोगों का भरोसा एक बार फिर से इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) की तरफ बढ़ सकता है, तो आइए इस लेख में सरकार के इस अनोखे मानक के बारे में कुछ बातें जान लेते हैं.
इस मानक में इन सभी सुरक्षा का रखा ध्यान (All these protections are taken care of in this standard)
इस बैटरी सुरक्षा मानकों को लेकर सरकार ने एक जानकारी भी लोगों के साथ साझा की है, जिसमें उन्होंने बताया है कि इस बेहतरीन बदलाव में बैटरी, 'ऑन-बोर्ड चार्जर', 'बैटरी पैक' का डिजाइन और इंटरनल सेल शॉर्ट सर्किट के चलते आग लगने की घटना को ध्यान में रखते हुए थर्मल प्रसार से संबंधित अतिरिक्त सुरक्षा आवश्यकताएं शामिल किए गए हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल सबसे अधिक इलेक्ट्रिक स्कूटर (electric scooter) में ओला इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक और प्योर जैसे इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर वाहनों में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं. आम लोगों ने इन सभी कंपनियों के खिलाफ कई केस दर्ज किए और सरकार से भी आग्रह किया की इस पर जल्द से जल्द सख्त कदम उठाए. इन सब के चलते ही सरकार बाजार में यह मानक लाने जा रही है.
सड़क मंत्रालय ने 29 अगस्त 2022 को AIS (वाहन उद्योग मानक) 156 में संशोधन जारी किया था. जिसमें इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन (इंजन) के साथ एल श्रेणी के मोटर वाहनों, एम श्रेणी और एन श्रेणी के मोटर वाहनों की इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन की आवश्यकताएं भी शामिल की गई हैं.
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बता दें कि L श्रेणी में चार से कम पहियों वाले वाहनों को रखा गया है और वहीं M व N श्रेणी में 4 से पहियों वाले वाहनों को रखा गया है.