साल 2019 का वह आखिरी पड़ाव था, जब कोरोना ने महज रेंगना ही सीखा था. इसके बाद वह बहुत जल्द ही चलना सीख गया जिसका नतीजा यह हुआ कि पूरी दुनिया कोरोना के गिरफ्त में आ गई और अब बताया जा रहा है कि वह दौड़ना भी सीख चुका है. रेंगने से लेकर उसके दौड़ने तक के सफर के दौरान मानव समुदाय बुरी तरह टूट चुका है. विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल यह कोरोना की दूसरी लहर है, लेकिन अब वो दिन दूर नहीं है, जब कोरोना की तीसरी लहर तबाही के मंजर और खौफनाक बनाएगी.
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान तो हालात तब भी काबू में हैं, मगर तीसरी लहर घातक होगी, इसलिए यह मुनासिब है कि विकट हो चुकी स्थिति पर काबू पाने के लिए पूरे लावलश्कर को अभी से ही दुरूस्त कर लिया जाए. आखिर कब आएगी कोरोना की तीसरी लहर इसका तो फिलहाल किसी को कुछ पता नही है, मगर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान में जिस तरह के हालात बने हुए हैं, उसे देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि अब वो दिन दूर नहीं है, जब कोरोना की तीसरी लहर हालातों की संजीदगी को इस तरह बढ़ा देगी, जिसकी कल्पना कभी किसी ने भी नहीं की होगी.
वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञ केंद्र सरकार से कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अभी से तैयार रहने का आग्रह कर रहे हैं. उनसे मांग की जा रही है कि वे कोरोना के खिलाफ खुद को तैयार रखें. नहीं तो जिस तरह की स्थिति दूसरी लहर के दौरान बन गई है, कहीं ऐसा न हो उससे भी ज्यादा गंभीर स्थिति तीसरी लहर के दौरान न बन जाए.
इस बात की जानकारी किसी और ने नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के वैज्ञानिक विशेषज्ञ सलाहकार विजयराधवन ने दी है. उन्होंने केंद्र सरकार को साफ चेता दिया है कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर की तुलना में काफी ज्यादा घातक होने जा रही है, लिहाजा यह मुनासिब रहेगा कि हम अभी से अपने आपको तैयार रखें.
प्रभावी है कोरोना की वैक्सीन
यहां हम आपको बताते चले कि कोरोना की वैक्सीन कोरोना के खिलाफ पूरी तरह से प्रभावी बताई जा रही है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में बनी कोरोना की वैक्सीन हर लहर में वायरस को पटखनी देने में कारगर है. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के स्वास्थ्य विशेषज्ञ फाउची ने भी भारती में बनी वैक्सीन का गुणगाण करते हुए कहा था कि यह वैक्सीन कई तरह से उपयोगी है.
कैसे हैं भारत में कोरोना के हालात
भारत में कोरोना के कहर का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि अब यहां संक्रमण के मामले 4 लाख के आंकड़े को भी पार कर चुके हैं. आए दिन संक्रमितों की संख्या बढती जा रही है. वहीं कोरोना के बेकाबू होते कहर को ध्यान में रखते हुए कई राज्य अब लॉकडाउन की चपेट में आ रहे हैं. उधर, बदहाल हो चुकी अस्पतालों की हालत दिल दहला देने वाली है.