भारत के हर राज्य में पनीर से कई तरह के व्यंजन बनाएं जाते हैं. इसमें भी कोई दो राय नहीं कि पनीर हमारे भोजन का अभिन्न हिस्सा है. किसी भी तरह की पार्टी, दावत या भोज क्या बिना पनीर के संभव हो सकती है. शाकाहारी लोगों के लिए तो भोजन में कुछ विशेष होने का मतलब ही प्राय पनीर है. लेकिन अगर हम आपको कहें कि आने वाले कुछ समय में अंड़ों से बने पनीर भी दुकानों में मिलेंगें तो?
जी हां, आप भले इस बात पर यकीन न करें, लेकिन लुधियाना के गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी ने इस क्षेत्र में बड़ी सफलता पाई है. अड़ों के माध्यम से पनीर बनाने की विधी खोज निकालने में यह यूनिवर्सिटी सफल हुई है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक अड़ों से पनीर के अलावा जूस, अचार, चटनी एवं लगभग 16 तरह के खाद्य पदार्थों के निर्माण का तरीका भी पता लगाया जा चुका है.
इस खोज का क्या होगा असर
इस खोज का सीधा प्रभाव मार्केट पर पड़ेगा. निसंदेह पोल्ट्री उद्दोग के लिए यह खबर खास है. आने वाले समय में अगर अंड़ों से बने पनीर मार्केट में आए, तो पोल्ट्री कंपनियों को लाभ ही लाभ होगा.
पशुपालकों पर असर
दूध उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा पनीर बनाने वाली कंपनियों द्वारा खरीदा जाता है, लेकिन दूध की जगह अंड़ों से बनने वाला विकल्प अगर सस्ता पड़ता है, तो बड़ी कंपनियां वहीं शिफ्ट हो जाएंगी. हालांकि दूध से बनने वाले पनीर भी मार्केट में पूरी तरह से बंद नहीं होगा, क्योंकि शाकाहारी लोग दूध से बना पनीर ही खाना पसंद करेंगें.
फिलहाल अड़ें से बने नए पदार्थों के सेवन करने वालों को किस श्रेणी में रखा जाएगा, इस बात पर बहस तेज़ हो गई है. वैसे बता दें कि मांसाहारी भोजन करने वालो का एक वर्ग ऐसा भी है, जो सिर्फ अंड़ा खाता है और खुद को शाकाहारी कहलाना पसंद करता है. हालांकि शाकाहारी लोग आसानी से अपने वर्ग में इन्हें स्वीकार नहीं करता. ऐसे में एक तीसरे वर्ग का नाम भी चलन में आया है, जो अंड़ा खाने वाले लोगों के लिए उपयोग किया जाता है. इस वर्ग को एगेटेरियन कहा जाता है.