दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खेलों के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. उन्होंने ओलंपिक और पैरालंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए करोड़ों रुपये की इनामी राशि और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है. यह फैसला मंगलवार, 22 जुलाई को हुई दिल्ली कैबिनेट की बैठक में लिया गया.
खिलाड़ियों को मिलेंगे 7 करोड़ रुपये
अब अगर कोई खिलाड़ी ओलंपिक या पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतता है, तो उसे दिल्ली सरकार की ओर से 7 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. सिल्वर मेडल पर 5 करोड़ और ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर 3 करोड़ रुपये की इनामी राशि दी जाएगी. पहले यह राशि क्रमशः 3 करोड़, 2 करोड़ और 1 करोड़ थी. यानी सरकार ने इनामी राशि को दोगुना से भी अधिक कर दिया है.
इसके अलावा, खिलाड़ियों को अब सम्मानजनक सरकारी नौकरी भी दी जाएगी. स्वर्ण (गोल्ड) और रजत (सिल्वर) पदक विजेताओं को ग्रुप-ए स्तर की नौकरी मिलेगी. वहीं, कांस्य (ब्रॉन्ज) पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को ग्रुप-बी स्तर की सरकारी नौकरी दी जाएगी. इससे खिलाड़ियों को सिर्फ आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि एक स्थिर करियर का भी अवसर मिलेगा.
दिल्ली सरकार के इस फैसले का मकसद खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना और खेलों को बढ़ावा देना है. यह कदम न सिर्फ खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाएगा, बल्कि देश और दिल्ली के लिए और भी ज्यादा मेडल लाने की प्रेरणा देगा.
अब तक 41 मेडल जीत
भारत का ओलंपिक में सफर भी धीरे-धीरे सफलता की ओर बढ़ रहा है. भारत ने पहली बार 1900 में ओलंपिक में भाग लिया था और अब तक कुल 41 मेडल जीत चुका है. टोक्यो ओलंपिक 2020 भारत के लिए सबसे सफल रहा, जिसमें 7 मेडल मिले थे. पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत ने 6 मेडल हासिल किए, जिनमें एक सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज शामिल थे. दिल्ली सरकार की यह नई खेल नीति निश्चित तौर पर आने वाले समय में युवाओं को खेलों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगी और देश के लिए गौरव की नई कहानियां लिखेगी.