Tractor Diesel Saving Tips: ट्रैक्टर में डीजल बचाने के 5 आसान तरीके, जिनसे घटेगी लागत और बढ़ेगा मुनाफा आगरा में स्थापित होगा अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र, मोदी कैबिनेट ने 111.5 करोड़ की परियोजना को दी मंजूरी यूपी में डेयरी विकास को बढ़ावा, NDDB को मिली तीन संयंत्रों की जिम्मेदारी किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 16 December, 2022 1:39 PM IST
देश का किसान समृद्धशाली होगा

खेती किसानी में रासायनिक खाद के अत्याधिक उपयोग से किसान के खेत की मिट्टी का क्षरण हो रहा है. जिसको रोकने के लिए शिवराज सरकार किसान के खेत की मिट्टी का परीक्षण करने के लिए हर गांव के हर खेत में एंबुलेंस मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला सेवा शुरू करने जा रही है.

इस खेत पहुंच एंबुलेंस में कृषि वैज्ञानिकों के साथ कृषि अधिकारियों की टीम एंबुलेंस में मुस्तैद रहेगी. जो किसान के खेत पर पहुंचकर किसान को ऑन स्पॉट यह बताएगी कि आपके खेत की मिट्टी में कितना रसायनिक खाद उपयोग करना है या नहीं करना है. कृषि मंत्री कमल पटेल ने राजधानी भोपाल में आयोजित किसान उत्पादक संगठनों की कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपरोक्त जानकारी दी.

कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि पहले यह व्यवस्था किसान के लिए मंडी में उपलब्ध रहती थी लेकिन इस सेवा का समुचित लाभ किसान को नहीं मिल पाता था लेकिन अब इस व्यवस्था को किसान के खेत तक पहुंचा कर किसान को लाभ देने का सरकार ने निर्णय लिया है. रसायनिक खाद का अत्याधिक उपयोग होने से किसान के खेत की मिट्टी का क्षरण हो रहा है. जिसको अब हम सबको मिलकर रोकना होगा.

उन्होंने बताया कि इस योजना से विदेशों में जाने वाला रसायनिक खाद खरीदी का पैसा भी बचेगा और किसान प्राकृतिक और जैविक खेती की ओर लौटेगा. उन्होंने बताया कि 2019-20 में भारत सरकार 71000 करोड़ की सब्सिडी देती थी लेकिन अब वह बढ़कर सवा दो लाख करोड़ हो गई है. पहले डीएपी उन्नीस सौ में मिलता था. तब सरकार किसान को 12सौ में देती थी यानी कि 700 रूपए की सब्सिडी एक बोरी पर सरकार किसान को दे रही थी, लेकिन अब डीएपी 3900 का हो गया है. जिस पर किसान से प्रति बोरी 1350 रुपए ही सरकार ले रही है. 26सौ-27सौ सब्सिडी सरकार दे रही है.

ये भी पढ़ें: दाल इंडस्ट्रीज को दलहन पर जल्द मंडी शुल्क से दी जाएगी छूट

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत को करने की दिशा में किसान उत्पादक समूह का अहम योगदान रहेगा, इसके लिए सरकार हर कदम पर आपके सहयोग के लिए खड़ी हुई है. देश का किसान समृद्धशाली होगा तो देश भी विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा.

English Summary: Now ambulance soil testing laboratory will reach the farmer's farm
Published on: 16 December 2022, 01:44 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now