सरकार ने ई- इनवॉयस के नियम में बदलाव करते हुए कहा कि ई- इनवॉयस के दायरे में आने वाली सभी बड़ी कंपनियों के साथ छोटी और मध्यम कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा. हाल ही में सरकार ने यह ऐलान किया है कि 20 करोड़ रूपए से अधिक टर्नओवर करने वाली सभी कंपनियों को इलेक्ट्रॉनिक इन्वॉयसिंग (ई-इनवॉयस) के नियमों का पालन करना होगा.
आपको बता दें कि इस नियम के लागू होने से कंपनियों के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में पंजीकरण में लगभग 75 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की जाएगी. जिससे सरकार के साथ सभी छोटी और मध्य कंपनियों को भी फायदा होगा.
ई-इन्वॉयसिंग के फायदे (benefits of e-invoicing)
- इसे सभी इनवॉइस पर नजर रखना आसान हो जाएगा.
- इसे उत्पादों के धोखाधड़ी पर रोक लगेगी.
- छोटे और मध्य कारोबारों के टैक्स चोरी पर रोकथाम होगी.
- छोटी और मध्य कंपनियों के इसमें शामिल होने से ई-इन्वॉयसिंगजीएसटीआईएन में वृद्धि होगी.
- कंपनियों को ई-इन्वॉयसिंगका लाभ प्राप्त होगा.
- इसके अलावा जीएसटीआईएन की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी. एक अनुमान के अनुसार यह संख्या लगभग 4.20लाख रुपए तक हो जाएगी.
कब लागू होगा यह नियम (When will this rule apply)
ई- इनवॉइस का यह नियम 1 अप्रैल से लागू होगा. जिसमें 1.80 लाख जीएसटी आईडेंटिफिकेशन नंबर कंपनियों को इससे जोड़ा जाएगा. फिलहाल अभी 2.40 लाख जीएसटी आईडेंटिफिकेशन नंबर इससे जुड़े हुए है.
आपको यह भी बता दें कि साल 2021 में इसमें 100 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों को इसमें शामिल किया गया था. इसे बाद ही इस में एक अप्रैल के बाद ही 50 करोड़ की टर्नओवर वाली कंपनियों को भी शामिल किया गया था.
अधिकारियों के मुताबिक, अभी तक ई-इन्वॉयसिंग प्रणाली में 50 करोड़ के टर्नओवर के दायरें में आने वाली कंपनियां शामिल हैं. जिसमे 2.40 लाख का योग्य जीएसटीआईएन है. लेकिन अब 20 करोड़ के दायरा को भी इसमें शामिल करने से इसका जीएसटीआईएन लगभग 75 से 80 प्रतिशत बढ़ जाएगा. जिससे जीएसटीआईएन का संग्रह में बढ़ोत्तरी के साथ मजबूती भी आएंगी.
सर्वप्रथम ई-इन्वॉयसिंग प्रणाली को लागू करते समय साल 2022 में कंपनियों की संख्या लगभग 53,523 थी, लेकिन साल 2021 में यह संख्या 91,583 हो गई है. ये ही नहीं समय के साथ यह संख्या बढ़ती गई. अभी वर्तमान समय यानी जनवरी 2022 में यह 1.3 लाख है.