केंद्र सरकार शुरू से ही कहती आ रही है कि सरकार किसानों की आय को दोगुना करने पर काम कर रही है. लेकिन इस बात का कोई अंदाजा नही है कि कब देश के किसानों की आय दोगुनी होगी. इसी सन्दर्भ में वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति का कहना है कि कृषि को लेकर केंद्र सरकार द्वारा कई सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन इनका जोर किसानों की आय बढ़ाने पर नहीं है.
संसद की प्राक्कलन समिति ने कहा, हालांकि ‘टिकाऊ कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन’ दस्तावेज़ में कृषि के विभिन्न पहलुओं का उल्लेख है लेकिन इसमें किसानों को आय सुरक्षा देने का महत्वपूर्ण तत्व गायब है. फसल बीमा योजना और सरकार द्वारा लागू की गई न्यूनतम समर्थन योजना किसानों के लिए खेती को फायदे का व्यवसाय बनाने में सक्षम नहीं है.’
समिति ने ये भी कहा कि सरकार टिकाऊ खेती के लिए पहल तो कर रही है लेकिन उसमें किसान केंद्र में नहीं है. स्थायी व्यवसाय के रूप में कृषि तभी बच सकती है जब किसानों को खुद को बचाए रखने का मौका दिया जाएगा.समिति ने सुझाव दिया है कि इन तत्वों को सरकार द्वारा ध्यान में रखा जाना चाहिए और समिति को इस संबंध में उठाए गए कदमों से अवगत कराया जाए.
मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसद की प्राक्कलन समिति ने ‘जलवायु परिवर्तन पर नेशनल एक्शन प्लान का प्रदर्शन’ पर 30वीं रिपोर्ट तैयार की है. ‘जलवायु परिवर्तन पर नेशनल एक्शन प्लान’ (एनएपीसीसी) के तहत कुल आठ राष्ट्रीय मिशन आते हैं जिसमें कृषि भी शामिल है. समिति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से पूरी पृथ्वी प्रभावित है और इसकी वजह से कृषि पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. समिति ने कृषि को लेकर जो सुझाव दिए है इसका सरकार पर कितना असर पड़ता है यह तो वक्त ही बता पायेगा. वैसे भी चुनाव का समय नजदीक है. इस कार्यकाल में तो शायद ही सरकार किसानों की आय दोगुना कर पाए. अगले चुनाव के लिए सरकार के लिए यह एक चुनौती बन सकती है.