कृषि विज्ञान केन्द्र, झालावाड़ द्वारा गाँव सेमलीखाम (रायपुर) में ‘‘खरीफ फसलों में खरपतवार प्रबंधन’’ विषय पर असंस्थागत प्रशिक्षण 31 जुलाई, 2024 को आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में अधिकारियों सहित 48 कृषकों एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया. प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. सेवाराम रूण्डला, विषय विशेषज्ञ ने बताया कि खरीफ की मुख्य फसलों जैसे सोयाबीन, उड़द, मक्का आदि में समय पर खरपतवार प्रबंधन करना नितान्त आवश्यक है क्योंकि फसल से तेज खरपतवारों की वृद्धि होती है जिससे फसल के साथ खरपतवार की प्रतिस्पर्धा होने से मुख्य फसल को अत्यधिक हानि हो जाती है.
खरपतवार नियंत्रण के लिए ‘‘समन्वित खरपतवार प्रबंधन’’ सबसे उचित एवं पर्यावरण अनुकूल तकनीक है. इसमें की जाने वाली गतिविधियाँ जैसे शस्य क्रियाएं, यांत्रिक विधियाँ, जैविक एवं रासायनिक विधियां मुख्य है. इनके उपयोग से बढ़ती हुई कृषिगत लागत कम की जा सकती है.
अतः किसानों को जागरूकता रखते हुए रासायनिक खरपतवार नियंत्रण में सही खरपतवारनाशी का चयन, सही मात्रा में, सही विधि से एवं सही समय पर करने से फसलों में उचित खरपतवार प्रबंधन किया जा सकता है. इसके साथ ही किसानों के खेतों पर नैदानिक भ्रमण भी किया एवं समस्याओं पर निदान हेतु किसानों से चर्चा की गई.
हेमराज गुर्जर सहायक कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी कार्यालय, रायपुर ने कृषि व उद्यान विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया. राहुल सिंह, प्रमोद पाटीदार, कृषि पर्यवेक्षक तथा प्रगतिशील कृषक ओमप्रकाश पाटीदार ने भी अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम में सहयोग महेश कुमार, केवीके, झालावाड़ ने किया.