केंद्रीय मंत्रालय के उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि सरकार दालों के आयातकों, अनुसंधान एजेंसियों, व्यापार संघों आदि के साथ लगातार बातचीत के माध्यम से आवश्यक खाद्य पदार्थों और वस्तुओं के उत्पादन, आयात, निर्यात और उपलब्धता पर कड़ी नजर रख रहा है. दालों के स्टॉक को सरकारी गोदामों में बढ़ाने के लिए सरकार ने आयातित 1.00 लाख टन तूर और 50,000 टन उड़द की खरीद शुरू कर दी है. मंत्रालय ने कहा कि तुअर और उड़द के आयात को 31 मार्च 2023 तक 'फ्री कैटेगरी' में रखा गया है.
केंद्रीय सचिव ने आगे कहा कि घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और दालों के निर्बाध आयात को सुनिश्चित करने के लिए, अरहर और उड़द के आयात को 'फ्री कैटेगरी’ में रखा गया है. मसूर के संबंध में, मूल आयात शुल्क को घटाकर शून्य कर दिया गया है. केंद्र सरकार की निरंतर निगरानी और नीतिगत निर्णयों के कारण, सामान्य मौसमी कीमतों में बढ़ोतरी को छोड़कर, प्रमुख दालों की औसत खुदरा कीमतें वित्तीय वर्ष की शुरुआत से काफी स्थिर रही हैं.
मालूम हो कि जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने 12 अगस्त 2022 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवश्यक वस्तुओं की धारा 3 (2) (एच) और 3 (2) (आई) के तहत तूर के स्टॉकहोल्डर्स को स्टॉक दिखाने का कानून लागू करने और अधिनियम, 1955 और स्टॉक की निगरानी और सत्यापन के लिए निर्देश जारी किया था. सरकार के प्रयासों से दालों की कीमतें काबू में हैं. मंत्रालय के सचिव के अनुसार चना दाल और मसूर दाल की कीमतों में पिछले महीने की तुलना में थोड़ी गिरावट आई है, जबकि अरहर, उड़द और मूंग की दाल की देश में औसत कीमतें इस वित्तीय वर्ष में कुछ हद तक स्थिर रही हैं.