करोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से देश का शायद ही ऐसा कोई वर्ग है जिसे तकलीफ ना हुआ हो. लेकिन सबसे ज्यादा जो बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य पिछड़े राज्यों के जो प्रवासी मजदूर जो देश के अन्य राज्यों में काम के लिए जाते हैं इनको सबसे ज्यादा मुसीबतों का सामना करना पड़ा है. बाहर में सभी काम धंधे और कल कारखाने ठप हो जाने के कारण इनकी रोजी-रोटी की संकट उत्पन्न हो गई हैं. और यह अपने राज्य पुनः किसी ना किसी माध्यम से वापसी कर रहे हैं. राज्य सरकार की चिंता और बढ़ा दी है. विधि व्यवस्था से लेकर इन लोगों को रोजगार देने से के लिए राज्य सरकार युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है. पिछले विगत वर्षों से इस पर काम चल रहा है फिर भी यह नाकाफी साबित हो रहे हैं. राज्य के मुखिया नीतीश कुमार के निर्देश से राज्य में कई योजनाएं चलाई जा रही है. इन प्रवासियों को रोजगार दिलाने के लिए.राज्य में श्रमिकों के हुनर के हिसाब से एक स्किल डेटाबेस तैयार किया जा रहा है. आने वाले समय में राज्य के विकास और इन को रोजगार देने में काम आए.
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श्रमिकों को अपने ही राज्य में रोजगार मिले. इसके लिए सभी विभागों को काम शुरू करने के लिए कहा गया है. सभी विभाग एक अभियान के तौर पर चलाएंगे.
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मनरेगा में 1200000 श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है.
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सात निश्चय, और नल जल, हरियाली योजना के तहत कई कामों को शुरू किया जा रहा है जिससे मानव रोजगार सृजन हो सके.
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उद्योग विभाग, पथ निर्माण और अन्य विभाग में 50000 लोगों को काम दिया जा रहा है.
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मनरेगा के अंतर्गत कई कार्य किए जा रहे हैं जैसे. फार्म पोखर, बागवानी, वृक्षारोपण, पोल्ट्री सेंटर, बकरी शेल्टर, मवेशी शेल्टर, वर्मी कंपोस्ट, पशु पूरक आहार.
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किसी पदाधिकारी प्रवासियों के साथ व्हाट्सएप ग्रुप बनाएंगे. कोरेंटिन सेंट्रो में सीखेंगे खेती के तरीके और इन्हें उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा.
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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चल रही अन्य कृषि योजनाओं को प्रचार प्रसार के लिए क्वारंटाइन सेंटरों पर काउंसलिंग कराया जाएगा. जिसके लिए कृषि मंत्री डॉक्टर प्रेम कुमार के द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं ताकि इसके योजनाओं का लाभ आने वाले प्रवासी उठा सकें.
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राज्य में कई दर्जनों उद्योगों को यहां पर उद्योग लगाने और रोजगार बढ़ाने के लिए निमंत्रण दिया गया जिसमें कई प्रतिष्ठित औद्योगिक घराने हैं.
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राज्य में कई प्रकार के कृषि आधारित उद्योग फूड प्रोसेसिंग प्लांट और श्रमिकों के उनके हुनर के हिसाब से रोजगार दिलाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं.
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उम्मीद है राज्य सरकार इसमें अपने-अपने बहुत हद तक अपने लक्ष्य को प्राप्त कर बहुत प्रवासी मजदूरों को अपने यहां ही रोजगार दिला दें यह प्रयास युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं.
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