राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीएफ) द्वारा आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “मशरूम उत्पादन तकनीक एवं सस्योत्तर प्रबंधन” का सफल समापन 26 सितम्बर, 2025 को किया गया. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, उत्तराखण्ड एवं दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों से कुल 34 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया.
प्रशिक्षण के दौरान खाद्य, पोषण एवं आर्थिक सुरक्षा जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई तथा विशेष रूप से मशरूम उत्पादन की भूमिका पर जोर दिया गया. प्रतिभागियों को धान की पराली एवं गेहूँ की भूसी जैसे कृषि अवशेषों के वैज्ञानिक निपटान के बारे में जागरूक किया गया. व्यवहारिक जानकारी एवं अनुभव के लिए प्रशिक्षणार्थियों को एचएआईसी–मशरूम अनुसंधान एवं विकास केन्द्र, मुरथल (जहाँ डॉ. अजय यादव, प्रधान वैज्ञानिक ने मार्गदर्शन दिया) तथा सोनीपत (हरियाणा) स्थित बिजेन्द्र धनखड़ के फ़ार्म का भ्रमण भी कराया गया.
एस. सी. तिवारी, सहायक निदेशक एवं प्रशिक्षण समन्वयक ने बटन, डिंगरी (ऑयस्टर), मिल्की तथा शिटाके मशरूम की खेती से संबंधित विस्तृत सत्र लिए और मशरूम उत्पादन के दौरान आने वाली चुनौतियों एवं उनके समाधान पर प्रकाश डाला. उन्होंने जोर दिया कि मशरूम उत्पादन एक लाभकारी उद्यम है जो किसानों एवं बेरोज़गार युवाओं को स्व-रोजगार अपनाने एवं आय बढ़ाने में सक्षम बनाता है.
डॉ. गुरदीप रत्तू, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी ने मशरूम के पोषण मूल्य एवं उत्पादन के दौरान रोग प्रबंधन पर व्याख्यान दिया. समापन सत्र के दौरान प्रशिक्षणार्थियों ने कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि उन्हें मशरूम उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन एवं विपणन के व्यावहारिक पहलुओं का ज्ञान एवं अनुभव प्राप्त हुआ. उन्होंने एनएचआरडीएफ टीम के लिए आभार व्यक्त किया.
इस अवसर पर डॉ. पी. के. गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक ने खाद्य एवं पोषण सुरक्षा में मशरूम उत्पादन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रशिक्षणार्थियों को अपने-अपने क्षेत्रों में अर्जित ज्ञान का प्रसार करने हेतु प्रोत्साहित किया. डॉ. रजनीश मिश्रा, संयुक्त निदेशक ने प्रशिक्षणार्थियों की उत्सुकता एवं समर्पण की सराहना की. डॉ. गुप्ता ने यह भी बताया कि किस प्रकार विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं प्रोत्साहनों का लाभ लेकर सफल मशरूम उद्यम स्थापित किए जा सकते हैं. उन्होंने सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र, एनएचआरडीएफ किचन गार्डन किट एवं ऑयस्टर मशरूम का बैग वितरित कर उनकी सक्रिय भागीदारी एवं सफल प्रशिक्षण पूर्णता को सराहा.
समापन सत्र की शोभा बढ़ाने हेतु उपस्थित रहे – संजय सिंह, उपनिदेशक; ज्ञान प्रकाश द्विवेदी, उपनिदेशक; एस. सी. तिवारी, सहायक निदेशक; सुधीर कुमार, सहायक निदेशक; डॉ. शरद तिवारी; डॉ. गुरदीप रत्तू, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी; डॉ. आर. पी. पांडे, तकनीकी अधिकारी; विजेता, सहायक लेखा अधिकारी; तथा जे. पी. शर्मा.
कार्यक्रम का समापन डॉ. शरद तिवारी, सहायक निदेशक द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों, प्रशिक्षकों एवं प्रतिभागियों के उत्साही सहयोग एवं योगदान के लिए आभार व्यक्त किया.